Sunday, December 22, 2024
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भ्रामक ऐड लगाने वाले कोचिंग सेंटर की अब खैर नहीं! केंद्र सरकार ने दिखाई सख्ती; जारी किए नए गाइडलाइन

मोदी सरकार ने कोचिंग सेंटर्स पर लगाम लगाने के लिए कुछ नए गाइडलाइन जारी किए हैं। जिसमें सख्त हिदायत दी गई कि गाइडलाइन का उल्लंघन न किए जाए।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Nov 13, 2024 23:01 IST, Updated : Nov 13, 2024 23:01 IST
Coaching center
Image Source : PTI कोचिंग सेंटर के लिए जारी हुई गाइडलाइन

कोचिंग सेंटर्स के लालच वाले विज्ञापन पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। केंद्र ने बुधवार को कोचिंग सेंटर्स के लालच वाले विज्ञापन रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी किए हैं। गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया कि 100 परसेंट सेलेक्शन या 100 परसेंट नौकरी दिलाने का वादा करने वाले झूठे विज्ञापन लगाने वालों पर कार्रवाई की बात कही गई है।

अब तक 54.60 लाख लग चुका जुर्माना

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा तैयार की गई ये फाइनल गाइडलाइन, नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर मिलीं कई शिकायतों के बाद आए हैं। बता दें कि सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और कोचिंग सेंटर्स पर अब तक 54.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सही राह दिखाने के लिए गाइडलाइन

उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने जानकारी देते हुए कहा, "हमने देखा है कि कोचिंग सेंटर जानबूझकर छात्रों से जानकारी छिपा रहे हैं। इसलिए, हम कोचिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को सही राह दिखाने के लिए गाइडलाइन लेकर आए हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार कोचिंग सेंटरों के खिलाफ नहीं है, लेकिन विज्ञापनों की क्वालिटी से कंज्यूमर अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। नए गाइडलाइन के तहत, कोचिंग सेंटरों को पेश किए जाने वाले सिलेबस और अवधि; फैकल्टी ब्रांच; फीस स्टक्चर और रिफंड पॉलिसी; सेलेक्शन रेट और एग्जाम रैंकिंग; और नौकरी की सिक्योरिटी या सैलरी बढ़ोतरी की गारंटी के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है।

क्या है कोचिंग की परिभाषा

गाइलाइन में 'कोचिंग' को एकेडमिक सपोर्ट, एजुकेशन, गाइडेंस, स्टडी प्रोग्राम और ट्यूशन को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है, लेकिन इसमें काउंसलिंग, स्पोर्ट्स और क्रिएटिव एक्टीविटीज को शामिल नहीं किया गया है।

बिना इजाजत नहीं करेंगे फोटो या नाम का इस्तेमाल

कोचिंग सेंटर सेलेक्शन के बाद लिखित सहमति हासिल किए बिना सफल उम्मीदवारों के नाम, फोटो या प्रशंसापत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। उन्हें अस्वीकरणों को प्रमुखता से दिखाना चाहिए और कोर्सों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना चाहिए।

खरे ने कहा, "कई यूपीएससी छात्र अपने दम पर प्रीलिम्स और मेंस एग्जाम पास करते हैं और कोचिंग सेंटरों से केवल इंटरव्यू में गाइडेंस लेते हैं," उन्होंने भावी छात्रों को यह वेरीफाई करने की सलाह दी कि सफल उम्मीदवारों ने वास्तव में किस कोर्स में एडमिशन लिया था।

उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

'कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम' टाइटल वाले गाइडलाइन एकेडमिक सपोर्ट, एजुकेशन, गाइडेंस और ट्यूशन सर्विसेज में सभी प्रकार के विज्ञापन को कवर करते हैं। हालांकि, वे काउंसलिंग, स्पोर्ट और क्रिएटिव एक्टिविटी को इससे बाहर रखते हैं। सीसीपीए के प्रमुख खरे ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स को सर्विस, फैसिल्टीज, रिसोर्सेज और बुनियादी ढांचे का सटीक रूप से प्रतिनिधित्व करना चाहिए।

उन्हें सच के साथ यह पेश करना चाहिए कि कोर्स विधिवत मान्यता प्राप्त हैं और उन्हें एआईसीटीई, यूसीजी आदि जैसे सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति हासिल है। खरे ने आगे कहा कि उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटर्स पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।

(इनपुट- PTI)

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