उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार बनी है, शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम फैसले हुए हैं। अब इसी कड़ी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला किया है। यह फैसला खास तौर से टीचरों के लिए है। दरअसल, योगी सरकार ने फैसला किया है कि अब उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ड्यूटी ऑवर में कोई भी टीचर स्कूल प्रांगण से बाहर नहीं रहेगा। टीचरों को अब ड्यूटी ऑवर से 15 मिनट पहले स्कूल पहुंचना होगा और ड्यूटी ऑवर के बाद कम से कम 30 मिनट वहां रहकर अटेंडेंस से लेकर अगले दिन वह क्लास में क्या पढ़ाएंगे, इसका पूरा प्लान तैयार करना होगा। इसके साथ ही फैसला किया गया है कि अब से साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाएगा। वहीं अगर शैक्षिक कैलेंडर में निर्धारित टाइम टेबल को किसी कारण से पूरा नहीं किया जा सका तो, टीचर को उसे एक्सट्रा क्लास लेकर पूरा करना होगा।
क्लास के टाइम नहीं होंगे एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी
इसके साथ ही फैसला किया गया है कि अब से क्लास के टाइम पर कोई भी एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर स्कूलों में शैक्षणिक कार्यों के लिए वर्तमान में जो कुछ भी किया जा रहा है वह काफी नहीं है। ऐसे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जिले में इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
20 नवंबर तक देनी होगी रिपोर्ट
डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित टाइम टेबल के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। इस आदेश के अनुसार अब प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है। इसके साथ ही अब मुफ्त में किताबें, डीबीटी और अन्य किसी भी सामग्री के बांटने का काम स्कूल टाइमिंग कके बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अब टीचरों से नहीं कराया जाएगी सर्वे
अब टीचरों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा। स्कूलों में टीचरों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सैलरी भी कटेगा। टीचरों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा। वहीं अब जिला या फिर विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।