नई दिल्ली। शिक्षक संगठन 'दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन' (डीटीए) की एक आवश्यक बैठक रविवार को ऑनलाइन हुई। बैठक में एसोसिएशन का संविधान सर्वसम्मति से पास किया गया। साथ ही सदस्यता फॉर्म तैयार कर सोमवार 7 जून से अगस्त के तीसरे सप्ताह तक सदस्यता अभियान के माध्यम से शिक्षकों को जोड़ा जाएगा।
मीटिंग में प्रभारी डॉ. हंसराज 'सुमन' , डॉ. मनोज कुमार सिंह ,डॉ. नरेंद्र कुमार पाण्डेय ,श्री सुनील कुमार ,डॉ. संगीता मित्तल , डॉ. राजेश राव ,डॉ. आशा रानी , डॉ. अनिल सिंह व डॉ. राजकुमार आदि ने भाग लिया । यह भी निर्णय लिया गया है कि शिक्षकों को संगठन से जोड़ने और सदस्यता अभियान चलाने पर बल दिया गया ताकि टीचर्स एसोसिएशन को मजबूती मिले ।
डीटीए के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि विद्वत परिषद के चुनाव के समय शिक्षकों ने डीटीए से जुड़ने और सदस्यता ग्रहण करने की मांग की थीं लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए उस समय कॉलेजों में नहीं जा सके इसलिए जैसे ही अब लॉक डाउन खत्म होगा कॉलेजों में जाकर या गूगल फॉर्म के माध्यम से उन्हें अपने संगठन में शामिल करेंगे। साथ ही उन्होंने संगठन विस्तार पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि संगठन से शिक्षकों को जोड़ने के लिए आवश्यक है कि हमें सदस्यता अभियान चलाना होगा।
सदस्यता अभियान की शुरूआत 7 जून से कैम्पस के कॉलेजों से की जाएगी। इस अभियान के तहत स्थायी, अस्थायी व तदर्थ शिक्षकों को भी अपना सदस्य बनाएंगे ।डॉ सुमन ने बताया है कि उनका संगठन तीन महीने तक कॉलेज शिक्षक, विभागों में कार्यरत्त शिक्षक , मेडिकल कॉलेज व्यावसायिक संस्थानों के शिक्षकों को जोड़ने के लिए उनकी संस्थाओं में जाकर संगठन की विचारधारा से पहले शिक्षकों को परिचित कराया जाएगा। इसके बाद मुख्य उद्देश्य और कर्तव्यों को बताया जाएगा तभी उन्हें जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया है कि सदस्य बनाने के बाद उनका अगला कदम हर कॉलेज में डीटीए की यूनिट खड़ी करना है। इसके अलावा वे नार्थ कैम्पस, साउथ कैम्पस, ईस्ट कैम्पस व सेंट्रल जोन के शिक्षकों के लिए अलग-अलग यूनिट खड़ी करना है ताकि संगठन को मजबूत किया जा सकें। उन्होंने बताया है कि इस वर्ष डूटा चुनाव से पहले हर कॉलेज में डीटीए की यूनिट खड़ी की जाएगी ताकि वह एडहॉक शिक्षकों की समस्याओं के अलावा नियुक्ति व पदोन्नति संबंधी समस्याओं का समाधान अपने स्तर पर करें।
डीटीए के सचिव डॉ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि संगठन में एडहॉक शिक्षकों को जोड़ना उनकी पहली प्राथमिकता है क्योंकि कॉलेजों में 50 से 60 फीसदी एडहॉक टीचर्स की संख्या है। उनका कहना है कि उनके मुद्दों पर अभी तक तमाम राजनीतिक पार्टियों ने राजनीति की है कभी भी उन्हें स्थायी कराने का एजेंडा नहीं रहा। जीत के बाद हर कोई भूल जाता है लेकिन उनके हकों के लिए हम लड़ेंगे।
डीटीए की अध्यक्ष डॉ आशा रानी ने एडहॉक शिक्षकों की रिज्वाईनिंग में आ रही दिक्कतों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि विवेकानंद कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, सत्यवती कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज आदि के एडहॉक टीचर्स की समस्या आई है जिनका समाधान जल्द निकाला जाएगा।