Friday, November 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने 3.8 करोड़ नई स्कूली पाठ्यपुस्तकें छापीं

तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने 3.8 करोड़ नई स्कूली पाठ्यपुस्तकें छापीं

तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक और शैक्षिक सेवा निगम ने शैक्षणिक वर्ष 2021, 22 के लिए तमिलनाडु में स्कूली छात्रों के लिए 3.8 करोड़ नई पाठ्यपुस्तकें छापी हैं। यह कवायद लंबी छुट्टियों और कोविड-19 महामारी और राज्य विधानसभा चुनावों के कारण बंद के बावजूद की गई है। शिक्षा विभाग ने 4.1 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का ऑर्डर दिया है, जिनमें से 3.8 करोड़ पहले ही मुद्रित और वितरित की जा चुकी हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 01, 2021 9:48 IST
तमिलनाडु शिक्षा विभाग...- India TV Hindi
Image Source : FILE तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने 3.8 करोड़ नई स्कूली पाठ्यपुस्तकें छापीं

चेन्नई, तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक और शैक्षिक सेवा निगम ने शैक्षणिक वर्ष 2021, 22 के लिए तमिलनाडु में स्कूली छात्रों के लिए 3.8 करोड़ नई पाठ्यपुस्तकें छापी हैं। यह कवायद लंबी छुट्टियों और कोविड-19 महामारी और राज्य विधानसभा चुनावों के कारण बंद के बावजूद की गई है। शिक्षा विभाग ने 4.1 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का ऑर्डर दिया है, जिनमें से 3.8 करोड़ पहले ही मुद्रित और वितरित की जा चुकी हैं। इसका मतलब है कि 91 फीसदी पाठ्यपुस्तकों को मुद्रित कर निर्धारित केंद्रों तक पहुंचाया जा चुका है।

तमिलनाडु टेक्स्टबुक कॉरपोरेशन ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कक्षा 8 से 12 के लिए पाठ्यपुस्तकों की छपाई का काम पूरा हो गया है और अन्य कक्षाओं के लिए एक छोटा प्रतिशत छपना बाकी है। हालांकि, निगम ने कहा कि तालाबंदी के कारण कक्षा 1 और 2 की पुस्तकों की छपाई लंबित है।

राज्य में तालाबंदी हटने के बाद ही कक्षा 1 और 2 की किताबें मुद्रित और निर्धारित केंद्रों पर पहुंचाई जाएंगी।

पाठ्यपुस्तक निगम के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि चूंकि यह चुनावी वर्ष था, इसलिए हमने जनवरी में ही छपाई शुरू कर दी थी और मार्च और अप्रैल में मुद्रित पुस्तकों को राज्यभर के 120 नामित केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया था। पुस्तक में कोई बड़ा सुधार नहीं होने के कारण, छपाई का काम पहले ही शुरू हो गया था।

पाठ्यपुस्तक निगम उन निजी स्कूलों को भी किताबें पहुंचाएगा, जिन्होंने उनके लिए ऑर्डर दिए हैं लेकिन यह लॉकडाउन हटने के बाद ही होगा।

पी.बी. स्टेट प्लेटफॉर्म फॉर कॉमन स्कूल सिस्टम के महासचिव प्रिंस गजेंद्र बाबू ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महामारी को देखते हुए राज्य सरकार को शैक्षणिक वर्ष 2021, 22 के लिए छात्रों के दरवाजे तक किताबें पहुंचाने के लिए कदम उठाने चाहिए। सरकार को सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को पाठ्यपुस्तकें और नोटबुक दोनों वितरित करने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों की उम्र 50 वर्ष से अधिक है और जिन्हें बीमारी है, उन्हें बिना किसी सार्वजनिक संपर्क के स्थिर केंद्रों पर पोस्टिंग दी जानी चाहिए।

 

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement