सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न सरकारी विभागों में 563 ग्रेड-I पदों को भरने के लिए तेलंगाना लोक सेवा आयोग (टीजीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा पर रोक लगाने से आज यानमी सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस तरह के आदेश से ‘अराजकता’ पैदा होगी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की।
परीक्षा रोक देंगे तो अराजकता होगी- सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अंतरिम रोक लगाने का दबाव डाला तो बेंच ने कहा, "परीक्षा दोपहर 2 बजे शुरू होनी है... अगर हम इस स्तर पर परीक्षा रोक देंगे तो अराजकता होगी," बेंच ने आगे कहा, "परीक्षा आज होनी है। छात्र पहले ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश कर चुके हैं।" इस पर सिब्बल ने कहा कि अभ्यर्थी राज्य में पहली बार आयोजित की जा रही परीक्षा में बैठने का मौका खो देंगे।
563 पदों पर होगी भर्ती
जानकारी दे दें कि टीजीपीएससी की 563 रिक्तियों के लिए यह परीक्षा 27 अक्टूबर तक जारी रहेगी। ग्रुप-I मेंस एग्जाम सोमवार को शुरू हुई। कुल 31,383 उम्मीदवार मेंस परीक्षा के लिए योग्य मिले। ये परीक्षाएं तेलंगाना के गठन के बाद पहली बार आयोजित की जा रही हैं और आखिरी बार 2011 में आयोजित की गई थीं। सरकारी आदेश के अनुसार, टीजीपीएससी द्वारा अपनाई जा रही कोटा पॉलिसी को पोगुला रामबाबू नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
हाई कोर्ट को दिया आदेश
कोर्ट ने कहा कि तेलंगाना हाई कोर्ट इस मामले से अवगत है और उसे रिजल्ट घोषित होने से पहले इस मामले पर निर्णय लेने को कहा। अभ्यर्थी इस आधार पर परीक्षाओं के रीशेड्यूल की मांग करते हुए सरकारी आदेश का विरोध कर रहे हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग इसके रिजर्वेशन प्रावधानों के तहत पीड़ित हैं।
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