सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएगी। ये न्यायोचित नहीं होगा। हमारे समक्ष पेश किए गए सामग्री और आंकड़ों के आधार पर पेपर के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं मिले है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान पैदा होने का संकेत मिले। इसके बाद SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया है। साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन बच्चों को रास्ता बताया जिन्हें अभी भी नीट के रिजल्ट को लेकर कोई समस्या है।
सुप्रीम कोर्ट ने दे रखी है उम्मीद
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "किसी को NEET रिजल्ट को लेकर अपनी शिक़ायत है, वो HC जा सकते हैं।" CJI ने आगे कहा कि उन दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी लेवल पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे एडमिशन पाने का अधिकार नहीं मिलेगा।
एनटीए जारी करेगा नया रिजल्ट
इसके अलावा कहा कि CBI की जांच अभी अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में उस सवाल को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की, जिसके नए और पुराने सिलेबस के आधार पर दो उत्तरों को सही मानकर नंबर दिए गए थे। कोर्ट ने कहा कि IIT की रिपोर्ट ने माना है कि विकल्प नंबर 4 सही है, हम IIT रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं। ऐसे में इन उत्तरों के लिए एनटीए को नए रिजल्ट जारी करने होंगे।