नीट एग्जाम की 33 पेटिशन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। साथ ही 5 पेटिशन अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट से ट्रांसफर होकर सुप्रीम कोर्ट में आई है। इन सभी 38 याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं, मुद्दे को लेकर कोर्ट से सबसे पहले गुजरात के छात्रों के वकील ने फिर से मामले का ज़िक्र किया। हालाँकि CJI वकीलों से एक-एक करके मामले के बारे में पूछा। CJI ने पूछा कि इस मामले में पहली याचिका कौन सी दायर की गई है? इस पर पेटीशनर ने अपना जवाब दिया। इसके बाद पेटीशनर ने आगे कहा कि हमने पेटिशन में नीट एग्जाम कैंसल करने की मांग की है।
याचिकाकर्ताओं में से एक के एडवोकेट ने कहा- रिजल्ट 14 जून को घोषित किया जाना था, लेकिन इसे 4 जून को जारी कर दिया गया। हम परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। एनटीए को एक निजी काउंसलर संस्था से एक मेल मिला है जिसमें कहा गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले ओएमआर घोटाला हो रहा है, एक टेलीग्राम चैनल ने नीट परीक्षा का प्रश्नपत्र अपलोड करने का दावा किया है।
एडवोकेट ने आगे कहा कि 10 मई को बिहार ईओयू ने बिहार पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया। साथ ही कुछ और घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2021 में 3 उम्मीदवारों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, 2022 में 2 थे, 2023 में 3 थे लेकिन 24 में 67 उम्मीदवारों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस पर CJI ने पूछा कि 67 में से कितने उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स का लाभ मिला? इस पर एडवोकेट हुड्डा ने जवाब दिया कि कोई नहीं
एसजी ने जवाब दिया- एक केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र वितरित किया गया था
सीजेआई- आप किस आधार पर दोबारा परीक्षा का दावा कर रहे हैं?
एडवोकेट- बिहार पुलिस के प्रेस नोट में सब कुछ कह दिया गया है। यदि परीक्षा की ईमानदारी से समझौता किया गया है, यदि तंत्र में धोखाधड़ी हुई है। तो दोबारा परीक्षा होनी चाहिए। साफ है कि एनटीए ने एसओपी का पालन नहीं किया है। आगे कहा कि प्रश्नपत्र मोबाइल फोन पर बांटे गए.. टेलीग्राम, 5 मई को प्रिंटआउट लिए गए.. एक स्कूल में रखे प्रिंटर से.. प्रेस नोट में.. बिहार EOU ने 2-3 छात्रों की नहीं बल्कि उम्मीदवारों के एक समूह की बात की है। छात्रों को प्रश्नपत्र के उत्तर याद कराए गए, हमारे पास वीडियो है।
सीजेआई ने पूछा कि प्रश्न पत्र लॉकर में कब भेजे गए?
एडवोकेट ने जवाब दिया कि परीक्षा से 5-6 दिन पहले भेजे गए
सीजेआई- कोई खास तारीख? और एसबीआई और केनरा बैंक के लॉकर से प्रश्न पत्र कब निकाले गए? इस पर एडवोकेट ने इस पर चुप्पी साध ली।
फिर सीजेआई ने पूछा- कागजात विदेश कैसे भेजे गए?
एडवोकेट ने कहा- दूतावासों के माध्यम से।
सीजेआई- उन्हें दूतावासों में कैसे भेजा गया?
एडवोकेट- कूरियर के माध्यम से 5 मई को सुबह 10:30-11 बजे के आसपास
सीजेआई- कागजात विदेश कैसे भेजे गए?
सीजेआई- उन्हें दूतावासों में कैसे भेजा गया? कूरियर या डिप्लोमैटिक बैग के ज़रिए?
एडवोकेट- हम पता लगा लेंगे।
सीजेआई- प्रश्नपत्र कब तैयार किए गए? कृपया हमें सही तारीख बताएं? एनटीए को प्रश्नपत्र कब मिले? उन्हें छपाई के लिए प्रिंटिंग प्रेस में कब भेजा गया? छपाई और वितरण के बीच कितने दिन थे?
सीजेआई- हमें इनमें से प्रत्येक की सटीक तारीखें चाहिए। यदि छात्रों को उत्तर याद करने के लिए कहा जाता तो लीक व्यापक नहीं होती। यदि दोषी छात्रों की पहचान की जा सकती है तो फिर से परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। यदि लीक सोशल मीडिया के माध्यम से हुआ है.. तो लीक व्यापक है। 2 बातें हैं- यदि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है तो फिर से परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।
एसजी मेहता ने इस पर कहा- हमने 100 शीर्ष रैंकिंग वाले छात्रों के पैटर्न की जांच की है। हमने विश्लेषण किया है कि वे 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 56 शहरों में 95 केंद्रों में वितरित किए गए थे।
सीजेआई ने कहा- एक बात तो तय है कि लीक हुई है। यह बड़े स्तर पर है या छोटे स्तर पर, हमें इसका पता लगाना होगा। फिर एसजी ने इस तथ्य से इनकार किया कि लीक हुआ है। इस पर सीजेआई ने पूछा कि तो एनटीए कह रहा है कि लीक नहीं हुआ है?
एसजी- हां
इस पर सीजेआई ने कहा कि- लीक तो हुआ है, यह तो पक्का है। अब हम लीक के पैटर्न का पता लगा रहे हैं। लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
सीजेआई- जो हुआ है, उसे नकारना नहीं चाहिए। क्या हम अभी भी लाभार्थी छात्रों की पहचान कर रहे हैं। अगर ऐसा है, तो हमें परीक्षा रद्द करनी होगी
सीजेआई- देश भर के विशेषज्ञों की एक तरह की बहु-विषयक समिति होनी चाहिए और हम अध्ययन की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं।
एसजी- न्यायालय जो भी सुझाव देगा.. हम सहायता करेंगे।
CJI ने NTA से कहा कि आप सरकार से पूछ कर बताइए क्या हम एक डेटा इनलेटरिक प्रोग्राम चला सकते है जिसके जरिए ये पता चल सके की लाभार्थी कौन है?
सीजेआई ने कहा कि हम बुधवार को मामले की सुनवाई करेंगे। हम सॉलिसिटर को सभी तथ्य एक साथ रखने के लिए एक दिन का समय देंगे। साथ ही जो याचिकाकर्ता दोबारा जांच चाहते हैं, उन्हें करीब 10 पन्नों में लिखित दलीलें देनी चाहिए। एक वकील ने कहा कि सीबीआई को भी कोर्ट में जवाब दाखिल करना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से अब तक की हुई जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। फिर आगे एसजी ने मामले की सुनवाई गुरुवार को करने को कहा।
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