Friday, November 15, 2024
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खुशखबरी! देश में MBBS की पढ़ाई कर चुके छात्र अब विदेश में कर सकेंगे प्रैक्टिस, एनएमसी ने दी ये बड़ी जानकारी

देश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे व कर चुके छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब मेडिकल छात्र अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे बड़े-बड़े देशों में जाकर प्रैक्टिस कर सकेंगे। एनएमसी ने बड़ी जानकारी दी है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: September 21, 2023 13:04 IST
mbbs, bds, neet- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अब देश में मेडिकल की पढ़ाई कर चुके छात्र विदेशों में कर सकेंगे प्रैक्टिस

भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट प्रैक्टिशनर्स के लिए अच्छी खबर है। अब बड़े-बड़े देशों ने अपने देश में प्रैक्टिस करने के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। ग्रेजुएट मेडिकल डॉक्टर अब अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे बड़े व अमीर देशों में अपने प्रैक्टिस कर सकते हैं और अपनी पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल कर सकते हैं। यह जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) से मान्यता मिलने के बाद सामने आया है। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इस बदलाव से देश में मेडिकल शिक्षा का स्तर और बढ़ेगा और भारत में एमबीबीएस, बीडीएस के लिए ग्लोबल लेवल पर अधिक अवसर मिलेंगे।

नए मेडिकल कॉलेज को ऐसे मिलेगी मान्यता

एमएमसी को अगले 10 सालों के लिए मान्यता मिल गई है। इस मान्यता के हिस्से के रूप में, भारत के सभी 706 मौजूदा मेडिकल कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त हो जाएंगे, और आने वाले सालों में स्थापित होने वाले नए मेडिकल कॉलेज स्वचालित रूप से डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त हो जाएंगे। इसके अलावा, यह मान्यता छात्रों को विदेशी मेडिकल एजुकेशन और संयुक्त राज्य अमेरिका मेडिकल लाइसेंसिंग परीक्षा के लिए आवेदन करने के योग्य बनाएगी।

बढ़ेगी मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, मान्यता से भारतीय मेडिकल कॉलेजो और पेशेवरों की इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता और प्रतिष्ठा बढ़ेगी, शैक्षणिक सहयोग और सुविधाओं के आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी, मेडिकल एजुकेशन में निरंतर सुधार और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और चिकित्सा शिक्षा और संस्थानों के बीच गुणवत्ता को बढ़ावा मिलेगा।

एनएमसी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बोलते हुए, एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य और मीडिया डिवीजन के प्रमुख डॉ. योगेन्द्र मलिक ने कहा, 'डब्ल्यूएफएमई की मान्यता इस बात को दर्शाती है कि देश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता वैश्विक मानकों का पालन करती है। उन्होंने कहा, यह सम्मान हमारे छात्रों को दुनिया में कहीं भी अपना करियर बनाने का अवसर प्रदान देगी, साथ ही हमारे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक आकर्षक बनाएगा।

क्या है डब्ल्यूएफएमई?

वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक गैर-सरकारी संगठन है जो दुनिया भर में मेडिकल डॉक्टरों की एजुकेशन और ट्रेनिंग से संबंधित है। संगठन का मुख्य उद्देश्य मेडिकल एजुकेशन में हाईएस्ट साइंटिफिक और एथिकल स्टैंडर्ड को बढ़ावा देकर दुनिया भर में मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी को बढ़ाना है। डब्लूएफएमई मेडिकल एजुकेशन के लिए स्टैंडर्ड तय करता है और मेडिकल स्कूलों की मान्यता को बढ़ावा देता है। इसके द्वारा मेडिकल कॉलेजों की ग्लोबल डाइरेक्ट्री को-मैनेज भी किया जाता है।

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