यूक्रेन से लौटे छात्रों को केंद्र सरकार ने खुशखबरी दी है। सरकार ने इन छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने आज 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि इन छात्रों को MBBS पास करने के लिए मौका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने बताया कि यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्रों को एमबीबीएस फाइनल (पार्ट 1 और पार्ट 2) परीक्षाओं (थ्योरी और प्रैक्टिकल) में बैठने का मौका मिलेगा, लेकिन किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिए बिना होगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने फरवरी-मार्च 2022 के दौरान युद्धग्रस्त यूक्रेन से 'ऑपरेशन गंगा' के तहत 18,000 से अधिक भारतीय मेडिकल छात्रों को निकाला था। इसके बाद से ही इन छात्रों के भविष्य को लेकर संशय बना हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के पक्ष में कही बात
इससे पहले, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह यूक्रेन से युद्ध के कारण लौटे मेडिकल छात्रों को भारतीय चिकित्सा संस्थानों या विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं दे सकता है। केंद्र ने कहा कि यह भारत में संपूर्ण मेडिकल एजुकेशन सिस्टम को प्रभावित कर देगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इन छात्रों को मदद करने को कहा, जिसके बाद केंद्र ने ये फैसला लिया।
70 से अधिक छात्रों ने पास की एफएमजीई
जबकि भारत वापस आने वाले इन छात्रों में से अधिकांश अभी भी भारत में अपनी मेडिकल एजुकेशन पूरी करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं, कुछ को खुद के भरोसे छोड़ दिया गया है और कुछ भारत में मेडिकल के प्रैक्टिस करने के लिए अपने लाइसेंस हासिल करने में कामयाब रहे हैं। रिपोर्टों के मानें तो, यूक्रेन से लौटे 70 से अधिक भारतीय मेडिकल छात्रों ने दिसंबर 2022 में आयोजित एनबीई की विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) पास की है।
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