दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज ने बीते सोमवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा आवंटित सीटों के आधार पर सात स्टूडेंट्स को प्रवेश देने के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जानकारी के अनुसार इस अपील पर मंगलवार को यानी आज, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी।
बता दें कि 6 सितंबर को एकल न्यायाधीश ने सात छात्रों को राहत देते हुए कहा था कि उम्मीदवारों की कोई गलती नहीं थी, लेकिन संस्थान और विश्वविद्यालय के बीच चल रहे विवाद के कारण उन्हें अनुचित कठिनाई का सामना करना पड़ा। कॉलेज ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा की पीठ द्वारा 6 सितंबर को पारित आदेश के खिलाफ अपील की है, जिसमें न्यायाधीश ने स्टीफंस को छात्रों को प्रवेश देने का निर्देश देने के अलावा प्रारंभिक दौर में अतिरिक्त सीटें आवंटित करने की विश्वविद्यालय की नीति को बरकरार रखा था, जिस पर कॉलेज ने विवाद किया था।
न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा था कि कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) जो विश्वविद्यालय को समय पर शैक्षणिक सत्र शुरू करने के लिए शुरुआती दौर में छात्रों को सीटें आवंटित करने की शक्ति देता है, विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के लिए बाध्यकारी है। अदालत ने कॉलेज के अलग-अलग सीट मैट्रिक्स तैयार करने और प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अलग-अलग कट ऑफ अंक निर्धारित करने के आचरण पर ध्यान देते हुए कहा कि स्टीफंस द्वारा पेश किए जाने वाले 13 बीए कार्यक्रमों को सीट आवंटन और प्रवेश के उद्देश्य से अलग और विशिष्ट माना जाना चाहिए। हालांकि, अपने 54-पृष्ठ के फैसले में अदालत ने "सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटा" की वैधता पर फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था।
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