9th September History: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) देश के प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है. वर्तमान में जिसे हम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तौर पर जानते हैं, उस आवासीय शैक्षणिक संस्थान की स्थापना देश के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने 1875 में की थी, जिसे मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज कहा गया और फिर 1920 में नौ सितंबर के दिन इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था. इस शिक्षण संस्थान का आदर्श वाक्य है, ‘‘अल्लामल इन्साना मा लम य'आलम' अर्थात ‘‘इंसान को वो सिखाओ जो उसे नहीं आता।
देश दुनिया के इतिहास में नौ सितंबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1776 : अमेरिकी कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर देश का नाम 'यूनाइटेड कॉलोनीज़' से बदलकर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका रखा.
1791 : अमेरिका की राजधानी का नाम आज ही के दिन राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन के नाम पर वॉशिंगटन डी.सी. किया गया.
1828 : महान रूसी उपन्यासकार लियो टॉल्सटॉय का जन्म.
1850 : कैलीफोर्निया अमेरिका का 31वां राज्य बना.
1850 : प्रसिद्ध हिन्दी लेखक और नाटककार भारतेन्दु हरिश्चंद्र का जन्म.
1920 : अलीगढ़ के एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.
1939 : द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सेना वारसा पहुंची.
1940 : जॉर्ज स्टिबिट्ज ने कम्प्यूटर का पहला रिमोट ऑपरेशन शुरू किया.
1943 : भारतीय सेना में विद्रोह की आग भड़काने के आरोप में चार युवकों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटकाया.
1945 : प्रथम कंप्यूटर बग की खोज.
1948 : कोरिया गणराज्य की स्थापना.
1954 : अफ्रीकी देश अल्जीरिया के आरलिंसविले क्षेत्र में भूकंप से 1400 लोगों की मौत.
1965 : तिब्बत चीन का स्वायत्त क्षेत्र बना.
1967 : युगांडा ब्रिटेन से आज़ाद हुआ.
1974 : कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म. कारगिल युद्ध में शहीद भारत मां के इस वीर सपूत को मरणोपरान्त परमवीर चक्र से नवाजा गया.
1968 : भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, नाटककार, क्रान्तिकारी, पत्रकार रामवृक्ष बेनीपुरी का निधन.
1991 : तज़ाकिस्तान ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता हासिल की.
2012 : इराक में बम हमले में सौ से अधिक लोगों की मौत, 350 अन्य घायल.
2019 : 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सात मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया गया, जिनमें आरोपियों को या तो बरी कर दिया गया या मुकदमा बंद हो चुका था