दिल्ली की जहरीली हवा अब लोगों के स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि उनके रोजगार और शिक्षा पर भी असर डालने लगी है। राजधानी के आस-पास के जिलों में जलाई जा रही पराली से एक ओर जहां दिल्ली में AQI सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है, तो वहीं इसकी वजह से दिल्ली के स्कूलों को 8 नवंबर तक बंद रखने का फैसला किया गया है। हालांकि, स्कूल केवल केजी से 5वीं तक के बच्चों के लिए ही बंद हैं, जबकि बाकी के बच्चों को कुछ निर्देशों के साथ स्कूल आना होगा। वहीं यूपी की बात करें तो यहां दिल्ली से सटे नोएडा में भी 8 नवंबर तक स्कूली बच्चों के सभी फिजिकल क्लासेस को बंद कर दिया गया है। यानि यहां पढ़ाई होगी लेकिन ऑनलाइन मोड पर, बच्चे घर से अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे।
प्रदूषण से शिक्षा पर असर
प्रदूषण के कारण दिल्ली और दिल्ली से सटे यूपी के जिलों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा तो प्रभावित हो ही रही है, लेकिन इसकी वजह से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ भी नहीं बच पाए हैं। पंजाब में भी स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद करने की मांग उठ रही है। पूरी संभावना है कि सरकार इस पक्ष में फैसला भी कर दे। वहीं हरियाणा में भी 4 से 5 नवंबर तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
दिल्ली के प्रदूषण से रोजगार पर असर
दिल्ली के वायु प्रदूषण ने राज्य के रोजगार पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों में सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी ही आएंगे, बाकी के सभी कर्मचारी घर से काम करेंगे। हालांकि, इस प्रदूषण से असर सिर्फ बड़े-बड़े दफ्तरों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि जो लोग रोज रेड़ी-पटरी लगा कर रोज कमाते खाते थे उन पर भी असर पड़ा है। खास तौर से नोएडा, गुरुग्राम, पूरी दिल्ली और दिल्ली से सटे सभी जिलों में रेड़ी-पटरी लगाने वालों पर इसका असर पड़ा है। उनकी कमाई पहले के मुकाबले कम हो गई है, उसका कारण ये है कि लोग अब प्रदूषण की वजह से घरों से कम बाहर निकल रहे हैं और स्ट्रीट फूड खाने से भी बच रहे हैं।