Tuesday, April 22, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. सरकारी नौकरी की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का साफ संदेश, कहा 'शुचिता से समझौता ठीक नहीं'

सरकारी नौकरी की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का साफ संदेश, कहा 'शुचिता से समझौता ठीक नहीं'

सुप्रीम कोर्ट ने एक परीक्षा में कदाचार के मामले में पकड़े गए दो आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है और सभी को स्पष्ट संदेश दिया है कि सरकारी नौकरी की परीक्षा में शुचिता से समझौता ठीक नहीं है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Mar 10, 2025 17:25 IST, Updated : Mar 10, 2025 17:25 IST
सुप्रीम कोर्ट
Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट

बीते साल सरकारी नौकरी में परीक्षाओं की सुचिता से जुड़े से कई मामले सामने आए। इसके बाद सरकार सख्त हुई और कई कानून और नियमों में बदलाव किए गए। साथ ही आरोपियों को लेकर ठोस कदम भी उठाए गए। ऐसे ही एक मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त संदेश दिया और आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने एक सरकारी भर्ती परीक्षा में अपनी जगह डमी उम्मीदवार का इस्तेमाल करने वाले दो आरोपी व्यक्तियों की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि इससे लोक प्रशासन और कार्यपालिका में लोगों के विश्वास को कम करता है।

राजस्थान हाईकोर्ट ने दी थी जमानत

जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की बेंच ने राजस्थान हाईकोर्ट के जमानत आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया। बेंच ने कहा, “हम इस तथ्य से अवगत हैं कि एक बार जमानत दिए जाने के बाद उसे सामान्यतः रद्द नहीं किया जाता है, और हम इस दृष्टिकोण का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। हालांकि, यहां अपनाया गया दृष्टिकोण प्रतिवादी-आरोपी के कथित कृत्यों के पूरे प्रभाव और समाज पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।” कोर्ट ने कहा कि असल में भारत में उपलब्ध नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरी चाहने वालों की संख्या कहीं अधिक है।

आरोपियों ने क्या किया था?

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इंद्राज सिंह नामक व्यक्ति ने असिस्टेंट इंजीनियर सिविल (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा 2022 की शुचिता से समझौता किया, क्योंकि उसकी ओर से एक "डमी (फर्जी) उम्मीदवार" परीक्षा में शामिल हुआ। अटेंडेंस शीट के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई थी और फर्जी उम्मीदवार की फोटो मूल एडमिट कार्ड पर चिपका दी गई।

2 हफ्ते के भीतर करें सरेंडर

कोर्ट ने 7 मार्च के अपने आदेश में आरोपियों को दो हफ्ते के भीतर संबंधित कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया है कि हर नौकरी के लिए निर्धारित एंट्रेंस एग्जामिनेशन या इंटरव्यू प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। पीठ ने कहा, “इस प्रक्रिया में पूरी ईमानदारी बरती जा रही है, जिससे जनता में इस बात का भरोसा और ज्यादा बढ़ गया है कि जो लोग इन पदों के असल हकदार हैं, उन्हें ही इन पदों पर बिठाया गया है।” कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादियों द्वारा कथित रूप से किया गया कारनाम लोक प्रशासन और कार्यपालिका में लोगों के विश्वास कम कर सकता है।

ये भी पढ़ें:

शिक्षा बोर्ड का अजब कारनामा, 12वीं की एग्जाम में पूछ डाले इस पार्टी से जुड़े सवाल

महाराष्ट्र बजट 2025: राज्य में निकलेंगी 16 लाख नई नौकरियां, वित्तमंत्री ने किया बड़ा ऐलान

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement