राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने राजसमंद में वन रक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ कर 9 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। जिसके बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) ने शनिवार शाम की पारी का पेपर रद्द कर दिया। राजसमंद पुलिस के इस मामले में एफआईआर दर्ज कर नौ लोगों को हिरासत में लेने के बाद बोर्ड ने रविवार को पेपर रद्द कर दिया।
पुलिस ने मामले में क्या कहा
बोर्ड ने शनिवार और रविवार को दो पारियों में परीक्षा कराई थी। शनिवार को दूसरी पारी की परीक्षा दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक आयोजित की गई थी, लेकिन इससे पहले राजसमंद पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) को संदिग्ध पेपर लीक के बारे में एक सूचना मिली थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने बिजली विभाग में तैनात एक तकनीकी सहायक को हिरासत में ले लिया। उसे परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र के उत्तर मिल गये थे।
राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि पुलिस ने बिजली विभाग में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात आरोपी दीपक शर्मा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि आरोपी को पेपर से पहले ही अपने मोबाइल फोन पर सवाल और उसके जवाब मिल गये थे। उन्होंने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसे व्हाट्सऐप पर सवाल-जवाब सवाई माधोपुर निवासी पवन सैनी नाम के व्यक्ति से प्राप्त हुए थे।
लाखों में बिका पेपर
पुलिस को पता चला कि शर्मा को परीक्षा से एक घंटे पहले पांच लाख रुपये में प्रश्न पत्र मिला था और इसे दो अन्य व्यक्तियों- करौली के जितेंद्र कुमार सैनी और दौसा के हेतराम मीणा को छह-छह लाख रुपये में आगे भेजा गया था। चौधरी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और राज्य के धोखाधड़ी विरोधी कानून की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी के अलावा आठ अन्य लोगों को जयपुर, सवाई माधोपुर और करौली समेत विभिन्न स्थानों से हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।