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इस राज्य में मुकदमों के चलते लटका है 4500 शिक्षकों का प्रमोशन, शिक्षा मंत्री ने कही बड़ी बात

शिक्षा विभाग में शिक्षकों और प्रशिक्षित बेरोजगारों की ओर से लगातार केस दायर किए जाने से शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा गई है। शिक्षकों के मुताबिक इसके लिए पूरी तरह से विभाग जिम्मेदार है। उनके मसलों पर अधिकारी समय पर निर्णय नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षक कोर्ट जा रहे हैं।

Edited By: India TV News Desk
Published : Nov 02, 2022 21:56 IST, Updated : Nov 02, 2022 21:56 IST
मुकदमों के चलते लटका है 4500 शिक्षकों का प्रमोशन
Image Source : PTI मुकदमों के चलते लटका है 4500 शिक्षकों का प्रमोशन (सांकेतिक फोटो)

उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में एक और नया मामला सामने आया है। यहां ढाई हजार से ज्यादा मुकदमो के चलते 4500 शिक्षकों के प्रमोशन लटक गए हैं। प्रदेश के शिक्षक जहां शिक्षा में उस्ताद माने जाते हैं तो वहीं शिक्षक कानूनी दांव पेंच में भी उस्ताद साबित हो रहे हैं। प्रदेश भर से शिक्षकों ने वरिष्ठता, प्रमोशन, पेंशन आदि विभिन्न मसलों को लेकर शिक्षा विभाग पर तीन हजार से ज्यादा मुकदमे दायर किए हुए हैं। जिससे विभाग में साढ़े चार हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन लटक गए हैं। मुकदमा दायर करने वाले शिक्षकों से बातचीत कर सुलह के लिए विभाग ने अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है, जो अगले दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देंगे। इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि अगर शिक्षक अपने मुकदमे वापस ले लें तो वे सभी चार हजार शिक्षकों की प्रमोशन एक सप्ताह के भीतर करने को तैयार हैं।

मुकदमों के लिए कौन जिम्मेदार है

शिक्षा विभाग में शिक्षकों और प्रशिक्षित बेरोजगारों की ओर से लगातार केस दायर किए जाने से शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा गई है। शिक्षकों के मुताबिक इसके लिए पूरी तरह से विभाग जिम्मेदार है। उनके मसलों पर अधिकारी समय पर निर्णय नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षक कोर्ट जा रहे हैं। प्रमोशन और तबादला उनका अधिकार है। यदि समय पर पारदर्शी तबादले और समयबद्ध प्रमोशन नहीं होगी तो इसी तरह विभाग पर मुकदमे बढ़ते जाएंगे।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के के डिमरी ने कहा कि शिक्षकों के मसलों पर हमेशा विभाग ने हीलाहवाली की है। यही वजह है कि शिक्षकों को कोर्ट जाने को मजबूर होना पड़ा है। जो शिक्षक कोर्ट गए हैं, वो पहले अपनी बात को लेकर विभाग के चक्कर काटते रहे हैं। लेकिन विभाग ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। शिक्षा निदेशक आर के कुंवर ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में 2500 से ज्यादा केस दायर हो चुके हैं। अधिकतर मामले प्रमोशन, वरिष्ठता, तबादले और नियुक्ति से संबंधित हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक वंदना गव्र्याल का कहना है कि बेसिक शिक्षा में 800 से ज्यादा मुकदमे हैं।

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा

वहीं, शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मुताबिक विभाग पर विभिन्न केस होने से शिक्षकों की प्रमोशन नहीं हो पा रहा है, स्कूलों में शिक्षक ना मिल पाने से लाखों बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री के मुताबिक सहायक अध्यापक एलटी से लेक्चरर के पद पर 2800 शिक्षकों की प्रमोशन कुछ शिक्षकों के कोर्ट चले जाने की वजह से नहीं हो पा रहा हैं। इसके अलावा जूनियर हाईस्कूल से सहायक अध्यापक एलटी में 1400 प्रमोशनयां और प्रधानाध्यापक के 378 पदों पर प्रमोशन लटकी है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को स्कूलों में जाकर केसों से संबंधित शिक्षकों से बात करने और केसों की संख्या को कम कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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