नई दिल्ली: बड़ी संख्या में युवा सरकारी नौकरी (Government Jobs) की तलाश में रहते हैं और ऐसे युवाओं में काफी संख्या उनकी होती है, जो रेलवे में नौकरी (Railway Jobs) करना चाहते हैं। रेलवे में नौकरी करने को लेकर युवाओं में काफी उत्साह होता है। लेकिन कई बार सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले लोग ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। कई बार ठग गिरोहों पैसे लेकर फर्जी एपॉइंटमेंट लेटर जारी करते हैं और पीड़ित में उसकी सरकारी नौकरी लग जाने का भ्रम पैदा करते हैं।
वायरल एपॉइंटमेंट लेटर
ऐसे में अभी सोशल मीडिया पर एक एपॉइंटमेंट लेटर (Appointment Letter) वायरल हो रहा है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि वह उत्तर रेलवे (Northern Railway) की ओर से संबंधित आवेदक को रेलवे की ग्रुप-सी 'कमर्शियल क्लर्क' के पद के लिए जारी किया गया है। लेकिन, सोशल मीडिया पर सबकुछ सही नहीं होता है। ऐसे में केंद्र सरकार की एजेंसी प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक विंग ने फैक्ट चेक किया। PIB की यह विंग सरकार से जुड़े तथ्यों, जानकारियों, दावों और अफवाहों की पड़ताल करती है।
एपॉइंटमेंट लेटर पर फैक्ट चेक
PIB की फैक्ट चेक विंग (PIB Fact Check) ने जब इस वायरल दावे की सच्चाई तलाशी तो उसने इस दावे को फर्जी पाया। PIB फैक्ट चेक विंग ने इस वायरल एपॉइंटमेंट लेटर को फर्जी बताया है। विंग के मुताबिक, रेलवे भर्ती बोर्ड ने ऐसा कोई भी एपॉइंटमेंट लेटर जारी नहीं किया है यानि सोशल मीडिया पर वायरल एपॉइंटमेंट लेटर फर्जी है। विंग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल @PIBFactCheck से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
फर्जी है एपॉइंटमेंट लेटर
PIB फैक्ट चेक विंग (@PIBFactCheck) ने ट्वीट में लिखा, "उत्तर रेलवे द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए एक नियुक्ति पत्र में यह दावा किया जा रहा है कि आवेदक को ग्रुप (C) 'कमर्शियल क्लर्क' के पद के लिए नियुक्त किया गया है। #PIBFactCheck: यह लेटर फर्जी है। रेलवे भर्ती बोर्ड ने ऐसा कोई एपॉइंटमेंट लेटर जारी नहीं किया।"