Highlights
- कई मंत्रालयों और ऑफिसों में स्टेनोग्राफर की भर्तियां जारी होती रहती हैं
- किसी भी भाषा के व्याकरण का ज्ञान कैंडिडेट को होना ज़रूरी है
- इस पद पर मिलने वाली सैलरी जितनी आकर्षक होती है
बोले गए वाक्यों को उतनी ही स्पीड में लिखना संभव नहीं होता इसलिए स्टेनोग्राफी में शॉर्टहैंड भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके बाद बोले गए वाक्यों को डिटेल में भी लिखना होता है, जिसमे हिंदी या इंग्लिश में टाइपिंग की मदद लगती है। सरकार की ओर से समय-समय पर कई मंत्रालयों और ऑफिसों में स्टेनोग्राफर की भर्तियां जारी होती रहती हैं। स्टेनोग्राफर बनने के लिए किसी भी भाषा के व्याकरण का ज्ञान कैंडिडेट को होना ज़रूरी है। इस पद पर मिलने वाली सैलरी जितनी आकर्षक होती है उससे कई ज़्यादा इस पद पर जिम्मेदारियां होती हैं।
एलिजिबिलिटी
एक व्यक्ति को स्टेनोग्राफर बनने के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। इसके साथ ही टाइपिंग और शॉर्टहेंड का ज्ञान भी कैंडिडेट को होना चाहिए. हालांकि कई कंपनियों में स्टेनोग्राफर पद के लिए ग्रेजुएट कैंडिडेट्स को ज़्यादा रखा जाता है। ,बता दें, हिंदी स्टेनोग्राफर बनने के लिए कैंडिडेट की टाइपिंग स्पीड 25 शब्द प्रति मिनट और शॉर्टहेंड 80 शब्द प्रतिमिनट होनी चाहिए। वहीं इंग्लिश स्टेनोग्राफर बनने के लिए कैंडिडेट की टाइपिंग स्पीड 30 शब्द प्रति मिनट और शॉर्टहेंड 100 शब्द प्रतिमिनट होने ज़रूरी हैं।
आयु सीमा
आयु सीमा की बात करें तो स्टेनोग्राफर बनने के लिए किसी भी कैंडिडेट की आयु सीमा कम से कम 18 वर्ष से लेकर 30 वर्ष तक होनी चाइये। इसके साथ ही डी ग्रेड के लिए 18 वर्ष से लेकर 27 वर्ष आयु सीमा निर्धारित की गई है। इसके अलावा जाति वर्ग के कैंडिडेट्स को कई राज्य सरकारों द्वारा आयु सीमा में छूट दी जाती है।
ये होगी सैलरी
एक स्टेनोग्राफर को कम से कम 5200-20200 रूपए मिलते हैं। वहीं उनका ग्रेड पे 2600 के आस-पास होता है, स्टेनोग्राफर हर महीने लगभग 30,000 रुपये कमा सकते हैं। ग्रेड पे विभाग के अनुसार अलग-अगल होता है।
क्या है चयन प्रक्रिया
स्टेनोग्राफर के पद के लिए कैंडिडेट को दो चरणों में चुना जाता है, जिसमें पहली लिखित परीक्षा और दूसरी टाइपिंग परीक्षा शामिल है:
लिखित परीक्षा: लिखित परीक्षा में कैंडिडेट से साइंस, हिंदी, जनरल इंग्लिश, बेसिक मैथ्स और रीजनिंग से संबंधित क्वेश्चन पूछे जाते हैं। वहीं कैंडिडेट को कॉमन साइंस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि ज़्यादातर लोगों के मार्क्स इसी सब्जेक्ट की वजह से कम आते हैं।
टाइपिंग परीक्षा: रिटेन एग्जाम में पास होने के बाद ही कैंडिडेट्स को टाइपिंग एग्जाम के लिए बुलाया जाता है।
क्या होगा सिलेबस
1. कॉमन साइंस
2. रीजनिंग
3. इंग्लिश
4. जीएस /जीके