Highlights
- संसद के मानसून सत्र में उठा कॉलेजों में आरक्षित श्रेणी के खाली पदों को भरने का मुद्दा
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा "हम विशेष अभियान चलाकर इन पदों को भरने वाले हैं"
- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक-डेढ़ साल में इस रिक्तियों को भरने की उम्मीद जतायी
Education Minister Dharmendra Pradhan: ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022’ पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित श्रेणी के खाली पदों को विशेष अभियान चलाकर भरेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर भी बहस होनी चाहिए कि किस सरकार के समय इन श्रेणियों में कितनी भर्तियां हुई हैं। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कुछ सदस्यों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षित श्रेणी के पद खाली होने का उल्लेख किया था।
प्रधान ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों में SC, ST, OBC और EWS वर्गों के आरक्षित श्रेणी के पद खाली होने की बात की गई है। यह विषय 2014 के पहले का विषय है। इस बारे में सोचना होगा। यह बहस होनी चाहिए कि किस सरकार के समय आरक्षण की श्रेणी में कितनी भर्तियां की गईं।’’ उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में पहली बार यह कानून लाया गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में रोस्टर में जो पद हैं उन्हें व्यवस्था के अनुसार भरना होगा। प्रधान ने कहा, ‘‘‘मोदी सरकार मिशन मोड पर इन पदों (आरक्षित श्रेणी के) को भरने का काम कर रही है। सांसदों की चिंता वाजिब है। हम विशेष अभियान चलाकर इन पदों को भरने वाले हैं।’’ उन्होंने एक-डेढ़ साल में इस रिक्तियों को भरने की उम्मीद जतायी।
कांग्रेस ने आज सदन का बहिष्कार किया है कल जनता उनका करेगी -शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि बुद्धि किसी एक विशेष वर्ग की होती है। अगर ऐसा होता तो एपीजे अब्दुल कलाम जी राष्ट्रपति नहीं बनते, नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं होते और द्रौपदी मुर्मू जी देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति नहीं होतीं।’’ मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिन्होंने गरीबी हटाओ का नारा देकर दशकों तक राज किया, वो आज कहां हैं। उन्होंने आज सदन का बहिष्कार किया है, जनता उनका लंबे समय तक बहिष्कार करने वाली है।’’ बसपा सांसद संगीता आजाद ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को भरा नहीं जा रहा है।
उन्होंने सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की थी। गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान 18 जुलाई 2022 को लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार द्वारा रखे गए ब्यौरे के अनुसार, देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 1 अप्रैल 2022 की स्थिति के अनुसार शिक्षक संकाय के 6,549 पद रिक्त हैं जिनमें से अनुसूचित जाति श्रेणी में 988 पद, अनुसूचित जनजाति श्रेणी में 576 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 1,761 पद रिक्त हैं। शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया था कि 4,807 पदों को भरने के लिये विज्ञापन दिया गया है और चयन प्रक्रिया चल रही है।