युवाओं का सपना होता है कि वे विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में शामिल होकर देश की सेवा करते हुए शानदार करियर बनाए। इसके लिए हर साल लाखों युवा प्रयास करते हैं और इनमें से कुछ अपने सपने को पूरा करने में सफल भी होते हैं। देश की सुरक्षा के लिए जहां रॉ, आईबी, एनएआई और सीबीआई जैसी एजेंसियां कार्य करती हैं, वहीं, राज्यों की भी अपनी सुरक्षा एजेंसी होती है। जिसे सीआईडी (क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट) कहते हैं। इस विभाग में काम करने वालों को सीआईडी ऑफिसर कहा जाता है। यह राज्य सरकारों की गुप्तचर विभाग होता है। कई राज्यों में इसे क्राइम ब्रांच और स्पेशल ब्रांच के तौर पर भी जाना जाता है।
देश में सीआईडी की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने सन् 1902 में देश के अंदर सुरक्षा जानकारी हासिल करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए किया था। आजादी के बाद यह एजेंसी राज्यों का हिस्सा बन गई। सीआईडी राज्य सरकारों के आदेश पर काम करती है। इनका मुख्य कार्य जटिल अपराधों की छानबीन कर अपराधियों को पकड़ना और उन्हें सजा दिलाना है। सीआईडी ऐसे अपराधों की जांच करती हैं जो आम पुलिस नहीं कर पाती है। इसमें कार्य करने वाले ऑफिसर सिविल ड्रेस में कार्य करते हैं। अगर आप भी सीआईडी ऑफिसर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां आपको सीआईडी ऑफिसर बनने के लिए जरूरी योग्यता व जॉब प्रोफाइल के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
एजुकेशन व जरूरी योग्यता
सीआईडी में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार का ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके बाद राज्य सरकारों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बैठा जा सकता है। उम्मीदवार को यहां लिखित और फिजिकल परीक्षा के साथ इंटरव्यू से भी गुजरना पड़ता है। इन पदों पर आवेदन की आयु 20 वर्ष से लेकर 27 वर्ष के बीच होती है। वहीं, सीआईडी ऑफिसर बनने के लिये पुरुषों की हाईट 165 सेमी व महिलाओं की हाईट 150 सेमी होना जरूरी है। इसके अलावा अन्य फिजिक टेस्ट भी पास करने पड़ते हैं।
CID ऑफिसर का जॉब प्रोफाइल
1 - इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर
सीआईडी में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के तौर पर कार्य करने वाले लोगों का मुख्य कार्यकिसी भी घटना की जांच-पड़ताल कर सबूत इकठ्ठा करना है। जिससे अपराध के आरोपियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दोषी ठहराया जा सके। ये हर तरह के मामले की जांच करते हैं।
2 - फ्रॉड इन्वेस्टिगेटर
फ्रॉड इन्वेस्टिगेटर धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की जांच करते हैं। ये शिकायतकर्ताओं, नियोक्ताओं और गवाहों से तथ्य, बयान या स्वीकारोक्ति के आधार पर सबूत जुटा कर मामले की जांच करते हैं। ये धोखाधड़ी से जुड़े हर मामले की जांच करते हैं।
3 - क्रिमिनोलॉजिस्ट
क्रिमिनोलॉजिस्ट अपराध पर रिसर्च कर थ्योरी विकसित करते हैं और अपराध के दृश्यों को दोबारा से तैयार कर रिपोर्ट तैयार करना हैं। ये आपराध व आपराधी के व्यवहार को समझने में अपनी विश्लेषणात्मक भूमिका का इस्तेमाल करते हैं।
4 - नारकोटिक्स ऑफिसर
सीआईडी की यह ब्रांच अवैध ड्रग तस्करी को रोकने का कार्य करती है। इसमें तैनात नारकोटिक्स ऑफिसर ड्रग्स से संबंधित मामलों में रिपोर्ट दर्ज कर ड्रग्स से संबंधि संगठित अपराध को रोकने का कार्य करते हैं। इनका मुख्य कार्य नशीले पदार्थों की रोकथाम करना है।