13 दिसंबर को आयोजित हुई बीपीएससी 70वीं सीसीई 2024 की परीक्षा रद्द नहीं हुई है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने इसकी जानकारी दी। बीपीएससी अध्यक्ष ने 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने से साफ इनकार कर दिया, बता दें कि बीपीएससी 70वीं सीसीई परीक्षा पेपर लीक होने के आरोपों में घिर गई थी। परीक्षा को लेकर उन्होंने कंफ्यूजन भी दूर किया।
केवल इन उम्मीदवारों को देनी होगी परीक्षा
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि बीपीएससी केवल उन उम्मीदवारों की फिर से परीक्षा लेने जा रहा है, जिन्हें 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर परीक्षा केंद्र में नियुक्त किया गया था और खुलासा किया कि पुन: परीक्षा 4 जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी। जानकारी दे दें कि बीपीएससी ने हाल ही में पटना के कुम्हरार इलाके में बापू परीक्षा परिसर में आयोजित सीसीई की प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी, जहां 13 दिसंबर को "अनियंत्रित" उम्मीदवारों द्वारा किए गए हंगामे के बाद ड्यूटी पर मौजूद एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
4 जनवरी को होगी परीक्षा
बीपीएससी के अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा, "13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है। बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित अपनी प्री परीक्षा को केवल इसलिए रद्द करने का फैसला किया क्योंकि परीक्षा को बाधित करने की साजिश के तहत उपद्रवी उम्मीदवारों के एक ग्रुप ने रुकावट पैदा किया था। अब 4 जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी।"
12 हजार उम्मीदवार होंगे शामिल
उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को होने वाली पुनर्परीक्षा में करीब 12,000 उम्मीदवार शामिल होंगे। बीपीएससी ने 34 अभ्यर्थियों को शोकॉज नोटिस भी जारी किया है, जो 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर केंद्र में कथित तौर पर बाधा पैदा करने में शामिल थे। बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा, "उन सभी 34 छात्रों को 26 दिसंबर तक शोकॉज नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। आयोग उनके जवाबों की जांच करेगा और उसके बाद उचित फैसला लेगा। जो छात्र अपना जवाब नहीं दे सकेंगे, उनके मामले में आयोग अपने पास उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर निर्णय लेगा।"
वहीं, अभ्यर्थियों का एक ग्रुप पूरे राज्य में 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है। वे पिछले 4-5 दिनों से गर्दनीबाग में प्रदर्शन पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परीक्षा को रद्द करने का आदेश पूरे बोर्ड में दिया जाना चाहिए, क्योंकि सिर्फ एक केंद्र के लिए दोबारा परीक्षा कराना "समान अवसर" के सिद्धांत के खिलाफ होगा।
(इनपुट- PTI)