
बिहार रोजगार देने के मामले में तेजी से अव्वल राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इससे राज्य में पलायन में तेजी से कमी आई है। सरकार ने प्रदेश में अब सात निश्चय-2 योजना के तहत सरकारी नौकरी और रोजगार देने के लक्ष्य को बढ़ा कर 12 लाख सरकारी नौकरी एवं 38 लाख रोजगार के अन्य अवसर निर्धारित कर दिया गया है। पहले इस योजना के तहत 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य सीएम नीतीश कुमार ने रखा गया था जिसे अब बढ़ा दिया गया है।
अगले साल तक सरकारी नौकरी और रोजगार मिलाकर सरकार कुल 50 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। सरकार ने बताया है कि 12 लाख में से करीब 9 लाख सरकारी नौकरी दी जा चुकी है, शेष इसी वर्ष तक दी जाएगी यानि अब भी करीबन 3 लाख सरकारी नौकरियां निकाली जा सकती हैं। इसी तरह रोजगार भी लक्ष्य का करीब 80 प्रतिशत दिया जा चुका है। शेष अब बचे समय में देना है।
पलायन में तेजी से कमी
बीते सालों में बिहार से दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए हो रहे पलायन में तेजी से कमी आई है। एक अनुमान के मुताबिक, कुछ साल पहले तक बिहार के 5 करोड़ से अधिक लोग रोजगार के लिए पलायन करते थे, लेकिन अब यह आंकड़े कम हो रहे हैं। बड़ी संख्या में अब लोग वापस बिहार लौट रहे हैं। बिहार में रोजगार के नए अवसर लगातार मिलने के कारण पलायन में कमी देखी जा रही है।
अब तक 7.24 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां मिलीं
गौरतलब है कि 2020 से लेकर राज्य में अब तक करीब 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। इतने कम समय में इतनी ज्यादा सरकारी नौकरी दे कर प्रदेश ने देश भर में अपनी पहचान बनाई है। हाल यह है कि अब दूसरे राज्यों के हजारों युवा बिहार में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। पूरे देश के युवा अब सरकारी नौकरी के लिए बिहार की तरफ देख रहे हैं।
50 हजार करोड़ रुपए पास
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड आंकड़ों के अनुसार अभी 2.9 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन किए हुए हैं। अपनी प्रगति यात्रा के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास कार्यों और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। जिससे 50 लाख से अधिक रोजगार सृजन होने की बात कही जा रही है।
राज्य सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता भी दे रही है। समाज के विभिन्न वर्गों के युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाईं जा रही हैं। सरकार महिलाओं को सरकारी सेवाओं में अधिक से अधिक जोड़कर सामाजिक विकास में भी अपना योगदान दे रही है। राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। इसका ही परिणाम है कि आज पुलिस में सबसे ज्यादा महिलाएं बिहार में ही हैं।
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