गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलना प्रस्तावित कर रखा है। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार हर कमिश्नरी में सैनिक स्कूल खोलने की योजना पर तेजी से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के साथ मिलकर सैनिक स्कूल का शिलान्यास कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में सरकार स्किल डेवलपमेंट का बड़ा केंद्र भी खोलेगी। यहां प्रशिक्षण प्राप्त के लिए देश और दुनिया में कहीं भी बेहतर शर्तों पर रोजगार मिल सकेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैनिक स्कूल एक बड़ी उपलब्धि है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को देश के कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने, उच्च पदों पर सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। यहां के सैनिक स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गोरखपुर में बनने जा रहा सैनिक स्कूल पूर्वी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को सैन्य प्रशिक्षण के साथ योग्यतम शिक्षा देने का प्रयास है। योगी ने कहा कि सैनिक स्कूलों का अपना इतिहास है। प्रदेश में पहला सैनिक स्कूल 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर संपूर्णानंद ने स्थापित किया था। कारगिल विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज पांडेय ने भी इसी सैनिक स्कूल से शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में भाजपा की सरकार यूपी में आई तो सरकार ने लखनऊ सैनिक स्कूल का नामकरण शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के नाम कर दिया। योगी ने कहा कि कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में एकमात्र मेडिकल कॉलेज बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। सरकार ने देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर में भी मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है। जो जिले रह गए हैं, वहां हम पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं। प्रदेश सरकार के पांच साल पूरा होते होते प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे। सीएम ने एक बार फिर बताया कि गोरखपुर एम्स के शुभारंभ अक्टूबर में पीएम मोदी के हाथों कराया जाएगा।
गोरखपुर का सैनिक स्कूल 50 एकड़ में बनेगा और इसके निर्माण पर 154 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 'युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा' के ध्येय से शुरू हो रहे इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र छात्राओं के लिए अलग अलग कैम्पस होगा। क्लास रूम, हॉस्टल, हाइटेक कम्प्यूटर लैब के अलावा बहुउद्देश्यीय सभागार, प्रेक्षागृह भी बनाया जाएगा। सुरक्षा और अनुशासन पर नजर रखने के लिए समूचा कैम्पस सीसीटीवी कैमरों से कवर रहेगा। मार्च पास्ट, झंडारोहण के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे। यहां के विद्यार्थियों को फुटबाल, वॉलीबाल, बास्केटबाल, घुड़सवारी, शूटिंग, जिम्नास्टिक, तैराकी, टेनिस, दौड़ आदि खेलों के लिए प्रशिक्षण मिलेगा।