Friday, November 22, 2024
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रीवा के प्राइवेट स्कूल का तुगलकी फरमान, माथे पर तिलक न लगाकर आएं छात्र; धर्मेंद्र प्रधान से की गई शिकायत

मध्य प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां एक स्कूल ने बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल में आने से मना कर दिया, इसके बाद भारी बवाल मच गया है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: August 29, 2024 9:41 IST
इंटीग्रिटी स्कूल ऑफ...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंटीग्रिटी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सीनियर सेकंडरी

रीवा: सोशल मीडिया में वायरल हुए एक प्राइवेट स्कूल के एक फरमान ने बवाल मचा कर रख दिया है, नोटिस में कहा गया कि जिसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ट्वीट करते हुए स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बवाल मचने के बाद स्कूल प्रबंधन ने एक दूसरा पत्र जारी करते हुए कहा की हमारा उद्देश्य किसी भी छात्र और उनके अभिभावकों व किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं था।

स्कूल ने जारी किया फरमान

यह मामला शहर के बदरांव के वार्ड नंबर 43 स्थित इंटीग्रिटी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस सीनियर सेकंडरी का है। बुधवार को स्कूल प्रबंधन की ओर से लिखा गया एक फरमान पत्र के रूप में वायरल हो गया। वायरल पत्र में स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और उनके अभिभावक के लिए जरूरी निर्देशों का जिक्र किया गया जिसमें साफ तौर पर लिखा गया था कि छात्र माथे पर तिलक, हाथ में कड़ा, धारदार हथियार और स्मार्ट गैजेट्स सहित अन्य सामग्री लेकर स्कूल में न आएं। साथ ही स्कूल प्रबंधन ने पत्र के जरिए छात्रों से अनुरोध किया कि वह इस प्रकार की वस्तुएं न तो धारण करें और न अपने साथ रखें।MP

Image Source : INDIA TV
जारी किया गया पहला पत्र व दूसरा पत्र

बीजेपी नेता ने किया सीएम और शिक्षा मंत्री को ट्वीट

स्कूल प्रबंधन का पत्र जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। कुछ सामाजिक संगठन व बजरंग दल ने स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। इसके अलावा बीजेपी नेता व पूर्व भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव तिवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ट्वीट किया और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की। 

बीजेपी नेता ने ट्वीट करते हुए लिखा की इंटीग्रिटी स्कूल प्रबंधन के द्वारा हिन्दू सनातन धर्म की एक महत्त्वपूर्ण पूजा पद्धति तिलक लगाने पर रोक लगाने के आदेश के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। इस तरह के असंवैधानिक आदेश को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

 

बैकफुट पर आया स्कूल प्रबंधन 

मामले में जैसे ही बवाल मचना शुरू हुआ तो स्कूल प्रबंधन बैकफुट में आ गया। कुछ ही देर बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से एक और पत्र जारी किया गया जिसमें उन्होंने लिखा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से जारी किए गए पत्र में त्रुटि पूर्ण लेख था जिसमें कि टीका लगाने के लिए मना किया गया था अब हमारी ओर से सुधार किया गया है। स्कूल प्रबंधन ने दूसरे पत्र में लिखा कि उनका उद्देश्य किसी भी छात्र या उनके अभिभावक की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। यदि इससे किसी अभिभावक की भावना आहत हुई है तो उसके लिए हम माफी मांगते हैं। 

एफआईआर दर्ज करने की मांग 

वहीं, मामले पर समाजसेवी बी.के.माला का कहना है कि ये निजी विद्यालय का एक तुगलकी फरमान है जिसमें टीका लगाना, कंगन पहनने, सहित  अन्य चीजों को पहन कर आने के लिए मना गया है। मध्य प्रदेश सरकार के गैजेट नोटिफिकेशन में ऐसा कही भी नहीं कहा गया। हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार हम चंदन लगा सकते है, चूड़ा भी पहन सकते है, लड़कियां कंगन भी पहन सकती है। यह सब संस्कारों की श्रेणी में आता है, लेकिन इस तरह का जो तुगलकी फरमान जारी किया गया है वह नियम विरुद्ध है। इस आदेश का क्या कलेक्टर या प्रदेश सरकार या फिर सीबीएसई की और से कोई अनुमोदन किया गया है। यह फरमान नियम विरुद्ध है यह नियमों को ताक पर रख कर किया गया है। इसकी जांच करते हुए एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

(इनपुट- अशोक मिश्रा)

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