देश में बेरोजगारी को लेकर बढ़ रहे युवाओं के आंदोलनों के बीच अब राज्य सरकारें युवाओं को नौकरी देने को लेकर ज्यादा संजीदा हो गई हैं। इस बीच राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों पर जल्द नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। सीएम गहलोत ने कहा है कि जिस प्रकार UPSC समय समय पर भर्तियां निकालती है ठीक उसी प्रकार राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB), राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं, राज्य सेवाओं एवं अधीनस्थ सेवाओं की भर्ती कैलेंडर के अनुरूप समय पर पूरी की जाएं।
बता दें कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को कई छात्र संगठनों ने बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया था। इसके बाद से यूपी सहित कई राज्य सरकारें एक्टिव मोड में दिख रही है। शनिवार को राजस्थान में भी सीएम गहलोत ने विभिन्न विभागों में भर्तियों की समीक्षा करते हुए कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरह ही समय पर भर्ती विज्ञापन निकलें, नियमित परीक्षा हो और इंटरव्यू भी समय पर हों जिससे भर्तियां ज्यादा लंबित न रहें।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसी भी विभाग द्वारा भर्ती के नोटिफिकेशन के बाद परीक्षा आयोजित होने एवं परिणाम जारी होने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। इसके लिए विभाग आरपीएससी एवं राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के साथ समन्वय स्थापित करे। उन्होंने कहा कि सेवा नियमों की अड़चनों के कारण कई बार भर्तियां अटकती हैं। ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर सेवा नियमों में संशोधन किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि जहां तक संभव हो भर्ती का विज्ञापन निकालने से पहले ही संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि उस परीक्षा की तिथि पर कोई अन्य परीक्षा पहले से ही निर्धारित न हो। उन्होंने कहा कि भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उसमें बार-बार संशोधन करने की जरूरत ना पड़े।
सीएम गहलोत ने कहा कि न्यायिक निर्णयों के कारण लंबित भर्तियों के संदर्भ में पिछले चार महीने में हुई प्रगति एवं करीब 6 हजार भर्तियों पर स्थगन आदेश हटना एवं भर्तियां पूरी होना संतोषजनक है। इसके अलावा शेष जो भर्तियां न्यायिक प्रक्रिया के कारण लंबित हैं, उनमें प्रभावी रूप से पैरवी की जाए।