देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक डीम्ड यूनिवर्सिटी में युवाओं से बात करते हुए कहा कि एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। आगे कहा देश के रिसर्चर स्टूडेंट न केवल देश बल्कि दुनिया के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम हैं। आज पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।
NEP 2020 रिसर्च को देती है बढ़ावा
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 रिसर्च को बढ़ावा देती है। मुर्मू ने छात्रों से एक्सीलेंस हासिल करने का आग्रह किया और कहा कि सफलता को धन, बड़ा घर या कार जैसी सम्पत्तियों से न जोड़ें। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि युवा पीढ़ी देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। देश के लोगों में काफी टैलेंट और स्किल है।"
राष्ट्रपति ने कहा, "मैं चाहती हूं कि आप समाज की आवश्यकताओं को समझें और ऐसे समाधान निकालें जो आम जनता के विकास में मदद कर सकें, विशेष रूप से जो हाशिए पर हैं, और इससे स्थिरता को बढ़ावा मिल सके।"
युवा समाधान खोजने में सक्षम
उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसी सरकारी योजनाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी अपने लक्ष्य हासिल कर सकती है। मैं यहां सभी से कहना चाहूंगा कि एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। भारत के रिसर्चर न केवल देश के भीतर बल्कि दुनिया की समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में रिसर्च को बढ़ावा दिया गया है।
रिसर्च से होते हैं नए आविष्कार
राष्ट्रपति ने सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों से एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च को बढ़ावा देने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सालों के रिसर्च से नए आविष्कार होते हैं और चुनौतियों के लिए नए समाधान मिलते हैं। उन्होंने कहा कि सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी में वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, स्टेम सेल, नैनो-साइंस और क्लाइमेंट चेंज सहित कई क्षेत्रों में बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र काम कर रहे हैं।
दी उत्कृष्टता हासिल करने की सलाह
राष्ट्रपति ने छात्रों को हर कार्य में उत्कृष्टता हासिल करने का कोशिश करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि 'उत्कृष्टता का पीछा करो, सफलता तुम्हारे पीछे आएगी'। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग अधिक धन, बड़ा घर, बड़ी कार और अन्य चीजें होने को सफलता की निशानी मान लेते हैं।" मुर्मू ने विश्वास जताया कि छात्र सफलता का सही अर्थ समझेंगे और ऐसा कार्य करेंगे जिससे दूसरों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रों और समुदायों के इस ज्ञान के आधार पर छात्रों को सॉफ्टवेयर, स्वास्थ्य देखभाल प्रोडक्ट और मार्केटिंग रणनीतियां बनानी चाहिए जो सभी के विकास में मदद करें, विशेष रूप से वंचित वर्गों के विकास में, और स्थिरता को भी बढ़ावा दें। स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल भी छात्रों को अपने लक्ष्य हासिल करने में मदद करेंगी। नारी शक्ति की प्रगति न केवल नागरिकों के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह देश के विकास का एक महत्वपूर्ण मानदंड भी है।
(इनपुट- पीटीआई)
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