26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को भारत हर साल बड़ी ही धूमधाम से मनाता है। वहीं इस साल भी भारत ने अपने 74वें गणतंत्र दिवस को लेकर तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गणतंत्र दिवस मनाने का खास कारण यह है कि 26 जनवरी 1950 में इस दिन साल देश का संविधान लागू किया गया था। इस खास दिन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल के परेड में तीनों सेनाएं अपना दमखम दिखाने वाली हैं।
पहली बार तीनों सेनाओं में नारी शक्ति की झलक
गणतंत्र दिवस परेड के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कर्तव्य पथ पर पहली बार होने वाली इस परेड में तीनों सेनाओं में नारी शक्ति की झलक देखने को मिलेगी। नौसेना और वायु सेना के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व महिला अधिकारी करेंगी। इसके साथ ही आकाश मिसाइल सिस्टम के मार्चिंग दस्ते का भी नेतृत्व थल सेना की महिला अधिकारी करती हुई नजर आएंगी।
परेड में मिस्र से एक सैन्य दल और अग्निवीर भी शामिल हो रहे हैं। वहीं, बीएसएफ ऊंट दल के हिस्से के रूप में महिला सैनिक और 144 नाविकों के नौसेना दल के नेता के रूप में एक महिला अधिकारी की भागीदारी होगी, जो 'नारी शक्ति' का प्रदर्शन करेगी।
पहली बार एयरफोर्स की स्पेशल फोर्सेज भी शामिल
पहली बार एयरफोर्स अपनी स्पेशल फोर्स गरूड़ को भी परेड में शामिल कर रहा है। वहीं इस साल इडियन नेवी की स्पाई प्लेन IL 38 भी कर्तव्य पछ पथ पर उड़ते हुए देखने को मिल सकता है। इस बार एयरफोर्स के 45 एयरक्राफ्ट शामिल हो रहे हैं।
इस साल परेड में दिखेंगे स्वदेशी हथियार
इस साल की परेड का फोकस 'आत्मानिर्भर भारत' पर है इसलिए इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में, भारतीय सेना मेड इन इंडिया हथियारों का प्रदर्शन करेगी। सेना के एक बयान में कहा गया कि केंद्र की 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया। इस साल अधिकांश हथियार प्रणालियां जो कर्तव्य पथ पर नजर आएगी, जैसे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1, के-9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर गन, बीएमपी, जैसे मुख्य युद्धक टैंकों की तरह स्वदेशी रूप से बनाई गई हैं। साथ ही स्वदेशी आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस और नाग मिसाइल भी परेड में शामिल किया जाएगा।
मशीनीकृत और घुड़सवार के अलावा, इस बार सशस्त्र बलों की 8 मार्चिंग टुकड़ियां होंगी। उनमें से, 6 दल सेना से और 1 भारतीय वायुसेना और नौसेना से होंगे। कुल मिलाकर, पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित 16 दल हैं। 21 तोपों की सलामी के लिए स्वदेशी 105 मिमी भारतीय फील्ड बंदूकें ब्रिटिश-युग की 25-पाउंडर तोपों की जगह लेंगी, जिनका इस्तेमाल WW-II में किया गया था। हालांकि इन देसी बंदूकों का इस्तेमाल पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के दौरान किया गया था, लेकिन यह पहली बार है जब गणतंत्र दिवस पर इनका इस्तेमाल किया जाएगा।
बता दें कि गुरुवार रिपब्लिक डे के दिन परेड विजय चौक से सुबह 10.30 बजे शुरू होगी और टुकड़ी सीधे लाल किले तक मार्च करेगी।
मिस्र के राष्ट्रपति है चीफ गेस्ट
हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में अन्य देश के नेता को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जा रहा है। रिपब्लिक डे के मौके पर विदेशी चीफ गेस्ट को आमंत्रित करने की परंपरा रही है। इस बार 26 जनवरी 2023 को होने वाले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के मौके पर इजिप्ट यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी (Abdel Fatttah El-Sisi) बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे।
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