नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को दशक का पहला बजट पेश किया। इसमें शिक्षा पर काफी जोर दिया गया। 100 नए सैनिक स्कूलों से लेकर 750 एकलव्य मॉडल स्कूल तक का ऐलान किया गया है। वहीं, अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 35 हजार करोड़ का भारी-भरकम फंड भी दिया गया है। बजट में हायर एजुकेशन के लिए कमीशन बनाने का भी ऐलान किया गया है। बजट न्यू इंडिया की हकीकत के कितने करीब है? इसे जानने के लिए हमारे संवाददाता देवेंद्र पराशर ने देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बात की।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बातचीत के दौरान कहा, "अगर पीछे के रिवाइज्ड बजट से तुलना करें तो हमारा बजट घटा नहीं है, बढ़ा है। उच्च शिक्षा में साढ़े पांच हजार करोड़ का बजट बढ़ा है और स्कूली शिक्षा में भी 5.14 फीसदी बजट बढ़ा है और अगर मैं अन्य को, जो हमारे बजट का हिस्सा नहीं है, उसकी भी बात करूं तो 50 हजार करोड़ तो शोध एंव अनुसंधान के लिए स्वीकृत हुआ है। वो हमारे ही छात्र शोध और अनुसंधान करेंगे।
उन्होंने कहा, "अगर देखा जाए तो 3 हजार करोड़ अतिरिक्त अप्रेंटिसशिप के लिए सुनिश्चत हुआ है। इंजीनीयरिंग करने, डिप्लोमा करने के बाद छात्र वहां अप्रेंटिसशिप करेंगे और उन्हें अच्छा रोजगार मिलेगा। अगर मैं यह कहूंगा कि इस बजट में उच्च शिक्षा में देखेंगे तो नई शिक्षा नीति का जो आधार स्तंभ होगा वो उच्चतर शिक्षा आयोग होगा। उच्चतर शिक्षा आयोग का गठन करना और फिर चार परिषदों को बनाने के लिए बजट में पैसा मिला है।"
शिक्षा मंत्री ने कहा, "लद्दाख में हमारा केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाना और भारतीय भाषाओं को, क्योंकि देश के पीएम ने कहा कि उनकी इच्छा है कि मातृभाषा में इंजीनियर और डॉक्टर भी बनें। तो मातृभाषा में इंजीनियर और डॉक्टर तब बनेंगे जब उन्हें अनुवादित कॉन्टेंट मिलेगा। इसके लिए जो संस्थान बनना है वो भी इस बजट में आया है।" इसके अलावा उन्होंने और क्या-क्या कहा ये जानने के लिए वीडियो देखिए-