Rajasthan private schools strike: कोरोना संकट के बीच अब स्कूलों को दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। हालांकि आनलाइन कक्षाएं जुलाई से ही चालू हैं, वहीं अब स्कूलों को छात्रों के लिए भी खोला जा रहा है। इस बीच कोरोना से जूझ रही राजस्थान की जनता को बड़ी राहत देने के लिए राज्य सरकार ने स्कूलों की फीस माफी की घोषणा की थी। लेकिन अब सरकार के कोविड-19 इसी फैसले का स्कूलों की ओर से विरोध शुरू हो गया है। राज्य सरकार के फैसलों के खिलाफ निजी स्कूलों ने हड़ताल पर जाने की बात कही है। हड़ताल पर जाने वाले इन स्कूलों में सीबीएसई, राजस्थान बोर्ड और मिशनरी स्कूल्स शामिल हैं।
फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स इन राजस्थान ने कहा है कि 5 नवंबर 2020 से राज्य में सभी निजी स्कूल अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इसका कारण स्कूल फीस के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी नया निर्देश है। फोरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'पिछले सात महीनों से स्कूलों और पैरेंट्स के बीच फीस को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। लेकिन अब यह मामला गंभीर हो गया है। निजी स्कूल गंभीर आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि स्कूल बंद होने की कगार पर आ चुके हैं। फंड की कमी के कारम स्कूल्स अब संचालन का खर्च और अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी असमर्थ हैं।'
सरकार से की ये मांग
प्राइवेट स्कूल्स फोरम ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांगी की है कि वे 9 सितंबर 2020 को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को अमल कराएं। जिससे पैरेंट्स दिवाली से पहले फीस जमा कर दें। नहीं तो सरकार स्कूलों को रिलीफ फंड दें। राजस्थान हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को स्कूलों द्वारा 70 फीसदी तक ट्यूशन फीस ले लेने का निर्देश दिया था।
सरकार ने दी थी ये राहत
हाल में राजस्थान सरकार ने सभी निजी व सरकारी स्कूलों में सिलेबस घटाए जाने के कारण 30 से 40 फीसदी फीस कटौती करने का भी निर्देश जारी किया है। इन सब का जिक्र करते हुए फोरम ने कहा कि हाल के ये आदेश काफी उलझनें पैदा कर रहे हैं। फीस कलेक्शन में देरी से प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूल और इनमें काम करने वाले करीब 11 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसलिए अगर ये समस्या और टली या फिर उनकी मांग के विरुद्ध गई तो स्कूलों को 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना होगा।