
दिल्ली में इन दिनों कुछ प्राइवेट स्कूल बच्चों की फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिसकी कई शिकायतें सोशल मीडिया पर सामने आई। अब इसी को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने वादा किया कि वे जल्द मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने वाले प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने कहा कि ऐसे स्कूलों की लिस्ट तैयार की गई है और हर एक का निरीक्षण किया जाएगा, फिर उसके बाद निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
335 स्कूल सरकारी जमीन पर बने
सूद ने आगे कहा, “प्रदेश के 1,677 प्राइवेट स्कूल में से 335 सरकारी जमीन पर चल रहे हैं और वे दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 के तहत आते हैं इसलिए फीस बढ़ाने के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है, केवल 114 स्कूल ही इस शर्त से फ्री हैं।” मंत्री ने ‘मॉडर्न स्कूल’ मामले में 2004 के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए दोहराया कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीओई) की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकते।
सूद ने द्वारका के एक प्राइवेट स्कूल के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसने 2020 से 2025 तक लगातार अपनी फीस में 7 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है। उन्होंने कुछ प्राइवेट स्कूलों के नाम भी बताए, जिन्होंने शिक्षा निदेशालय की मंजूरी के बिना फीस में 30 से 38 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।
10 दिन के भीतर जारी होगा डेटा
सूद ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर कापसहेड़ा के डीएम के नेतृत्व में द्वारका के एक प्राइवेट स्कूल के खिलाफ जांच शुरू करने की बात कही है। उन्होंने कहा, “स्कूल की साल-दर-साल फीस बढ़ोतरी की जांच की जा रही है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अगले 10 दिनों के भीतर सभी प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का डेटा शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा।” सूद ने कहा कि अन्य स्कूलों ने भी कथित तौर पर अपनी फीस बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे सभी मामलों की ‘ऑडिट’ कर रही है और संबंधित एसडीएम सहित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट से भी जल्द मामलों पर सुनवाई की अपील
मंत्री ने कहा कि सभी 1,677 प्राइवेट स्कूलों से ‘ऑडिट’ रिपोर्ट इकट्ठा करने के लिए समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच करने के लिए समिति में तहसीलदार और लेखा अधिकारी शामिल हैं। साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने फीस बढ़ोतरी के मामलों में सुनवाई में तेजी लाने के लिए कोर्ट से अपील की है।
इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने शिक्षा उपनिदेशक की निगरानी में एक ईमेल सेवा शुरू की है, जहां माता-पिता या अभिभावक अनुचित फीस बढ़ोतरी से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि माता-पिता या अभिभावक शिक्षा निदेशालय के ऑफिस में व्यक्तिगत रूप से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सूद ने कहा कि जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
(इनपुट- भाषा)
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