नई दिल्ली। केंद्र सरकार वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहती है। इसके तहत आईआईएम जैसी संस्थाएं भी बढ़ेंगी और सरकार द्वारा निर्धारित इन नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को आईआईएम रायपुर के स्नातकोत्तर कार्यक्रम में यह बात कही।
पोखरियाल ने कहा,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी, 2020) भी इस दिशा में एक कदम है। एनईपी 2020 का उद्देश्य हमारे देश को शिक्षा के पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संरचना में परिवर्तन करके वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। यह शिक्षा के सभी स्तरों पर प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर भी जोर देता है।
उन्होंने कहा, सरकार 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की इच्छा रखती है, जहां आईआईएम जैसी संस्थाएं भी बढ़ेंगी और सरकार द्वारा निर्धारित इन नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
उन्होंने अपने जीवन के नए चरण को शुरू करने के लिए छात्रों को बधाई देते हुए कहा, देश को उत्साह की भावना की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए सामाजिक जिम्मेदारी की भावना की भी आवश्यकता होती है, जिस दिशा में छात्र काम करेंगे,इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस प्रकार के संगठन में काम करते हैं।
इस मौके पर पोखरियाल ने पीजीपी के 11वें बैच और एफपीएम के 9वें बैच का आईआईएम परिसर में स्वागत किया। उन्होंने नई फैकल्टी बिल्डिंग और साथ ही आईआईएम रायपुर के शैक्षणिक भवन का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने संस्थान की इस बात के लिए सराहना की कि उसने आजीवन शिक्षा और विकास, लोगों के साथ सकारात्मक जुड़ाव और नेतृत्व कौशल विकसित करने पर जोर दिया है। ऐसे गुण जो हमारे समाज और देश पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
इस अवसर पर बीओजी, आईआईएम रायपुर के अध्यक्ष श्यामल गोपीनाथ और आईआईएम,रायपुर के निदेशक प्रोफेसर भारत भास्कर उपस्थित थे।