दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद पाई आईआईटी की सीट गंवाने वाले एक युवक को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने युवक को IIT धनबाद में दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये आदेश दिया है। दरअसल, समय से जमा करने में नाकाम रहने के चलते अतुल अपनी IIT धनबाद की सीट गंवा चुके थे।
मिली जानकारी के अनुसार, अतुल को IIT धनबाद की सीट आवंटित हुई थी पर वो 24 जून को शाम 5 बजे तक की समय सीमा में फीस की 17500 रुपए की रकम ऑनलाइन जमा नहीं कर पाए थे। इसके चलते उन्हें सीट गंवानी पड़ी थी। शीर्ष अदालत ने आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये आदेश दिया है।
अदालत का आदेश
SC की पीठ ने अपने आदेश में कहा, "हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता जैसे प्रतिभावान छात्र, जो वंचित समूह से आते हैं और जिन्होंने प्रवेश पाने के लिए सब कुछ किया है, को वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हम निर्देश देते हैं कि अभ्यर्थी को आईआईटी धनबाद में प्रवेश दिया जाए और उसे उसी बैच में रहने दिया जाए, जिसमें उसे प्रवेश मिलता, यदि उसने फीस का भुगतान किया होता।"
क्या है अनुच्छेद 142
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आईआईटी धनबाद को अतुल कुमार को अपने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीटेक कोर्स में दाखिला देने के लिए कहा। संविधान का अनुच्छेद 142 शीर्ष अदालत को न्याय के हित में कोई भी आदेश पारित करने का अधिकार देता है।
मुख्य न्यायाधीश ने दी शुभकामनाएं
मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव से आने वाले 18 वर्षीय छात्र से कहा, "शुभकामनाएं। अच्छा करो।"
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