नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 22 दिसंबर, 2020 को सुबह 11 बजे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री एक डाक टिकट भी जारी करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति शसैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना दिवस के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 55 साल में ये पहला मौका है, जब कोई प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण 22 दिसंबर को होने वाला यह शताब्दी समारोह वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले, 55 वर्ष पूर्व 1964 में लाल बहादुर शास्त्री, प्रधानमंत्री रहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। 1875 में सर सैयद अहमद ने मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज स्थापित किया था। एक दिसंबर 1920 को यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में तब्दील हुआ। 17 दिसंबर 1920 को विश्वविद्यालय के रूप में उद्घाटन हुआ था।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शिरकत करेंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों, प्रोफेसर्स एवं कर्मचारियों सहित कई शिक्षाविदों को भी शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 1920 में भारतीय विधान परिषद के एक अधिनियम के माध्यम से विश्वविद्यालय बना। इस अधिनियम के तहत मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देकर एक विश्वविद्यालय बना दिया गया। एमएओ कॉलेज की स्थापना 1877 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में स्थित इस विश्वविद्यालय का परिसर 467.6 हेक्टेयर भूमि पर फैला है। इसके तीन अन्य परिसर केन्द्र मलप्पुरम (केरल), मुर्शिदाबाद-जंगीपुर (पश्चिम बंगाल) और किशनगंज (बिहार) में हैं।