अक्सर छात्र परीक्षा के नजदीक आते ही चिंतित होने लगते हैं, उन्हें मार्क्स और रिजल्ट डर सताने लगता है। छात्रों के इन चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'परीक्षा पे चर्चा 2023' कार्यक्रम के जरिए देशभर के छात्रों से एक बार फिर संवाद करने जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि पीएम का यह कार्यक्रम खासतौर पर बोर्ड परीक्षाओं के तनाव से निपटने में छात्रों की मदद करता है।
मंत्रालय के मुताबिक इससे तनावपूर्ण समय में, असहज एवं भ्रमित करने वाले विचारों के बारे में बात करने और उन्हें साझा करने से छात्रों के तनाव एवं चिंता को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है। ये छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को अपने विचार साझा करने और पीएम से मार्गदर्शन एवं महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करने के लिए मंच प्रदान करने की एक कोशिश है।
हर साल होती है परीक्षा पर चर्चा संवाद
बीते साल 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा संवाद किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस साल आपको परीक्षा का तनाव नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने छात्रों को आने वाले त्योहारों की शुभकामनाएं दी और कहा कि परीक्षाओं के बीच में त्यौहार आने पर त्यौहार का आनंद नहीं ले पाते लेकिन यदि हम परीक्षा को ही त्यौहार मान लें तो हम भरपूर आनंद ले सकते हैं।
'परीक्षा को लेकर यह डर क्यों'
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने छात्रों, अभिभावकों एवं टीचरों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा नामक' संवाद किया था। प्रधानमंत्री ने इस दौरान छात्रों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि आपके मन में परीक्षा को लेकर यह डर क्यों होता है। क्या आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हैं। आप में से कोई नहीं है जो पहली बार परीक्षा देने जा रहा है। आप सभी बहुत सारे एग्जाम दे चुके हैं। आप एग्जाम के आखिरी छोर की ओर पहुंच चुके हैं। आप एक बात तय कर लीजिए की परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है। जीवन के यह छोटे-छोटे पड़ाव है जिनसे हमें गुजारना है और हम पहले गुजर भी चुके हैं।
चिंता को दूर करने के लिए 'परीक्षा पर्व' कार्यक्रम
परीक्षा में शामिल होने जा रहे व परीक्षा से तनावग्रस्त छात्रों की चिंता को दूर करने के लिए 'परीक्षा पर्व' कार्यक्रम भी शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम से प्रभावित था। परीक्षा पर्व मनाने का उद्देश्य परीक्षाओं को एक आनंददायक गतिविधि बनाने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखना था।
एनसीपीसीआर के मुताबिक, हाइपर एग्जामिनेशन पर्व एग्जाम का जश्न है, जिसका उद्देश्य एक मंच पर परीक्षा के कारण होने वाले तनाव के प्रति बच्चों के दृष्टिकोण में बदलाव लाना और परीक्षा परिणाम से पहले उनकी चिंता को दूर करना था।