Friday, November 15, 2024
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पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अग्निवीरों से की चर्चा, रक्षा मंत्री भी रहे मौजूद

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पहले बैच के अग्निवीरों से संवाद कार्यक्रम किया है। पीएम ने संबोधन में कहा कि अग्निपथ स्कीम मील का पत्थर साबित होगी।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: January 16, 2023 13:53 IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- India TV Hindi
Image Source : PTI/ REPRESENTATIONAL (FILE) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अग्निवीरों से बातचीत की। अग्निवीरों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। पिछले साल 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के तहत, तीनों सेनाएं साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती कर रही हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत को 15 साल से अधिक समय तक बनाए सेवाओं में शामिल करने का प्रावधान है। बता दें कि 2022 के लिए, ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया था।

अग्निपथ योजना मील का पत्थर- PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना मील का पत्थर साबित होगी और यह सशस्त्र बलों को मजबूत करने तथा भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार करने में एक ‘‘गेम चेंजर’’ साबित होगी। प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं में भर्ती की अल्पकालिक योजना ‘‘अग्निपथ’’ के पहले बैच के अग्निवीरों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान यह बात कही। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से (पीएमओ) जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने यह भी कहा कि युवा अग्निवीर सशस्त्र बलों को अधिक युवा और ‘‘टेक सेवी’’ (आधुनिक तकनीक व प्रौद्योगिकी के जानकार) बनाएंगे। अग्निवीरों की क्षमता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भावना सशस्त्र बलों की बहादुरी को दर्शाती है, जिसने हमेशा राष्ट्र के झंडे को ऊंचा रखा है।

"नया भारत नए जोश से भरा हुआ है"

उन्होंने कहा, ‘‘इस अवसर के माध्यम से वे जो अनुभव प्राप्त करेंगे, वह जीवन के लिए गर्व का स्रोत होगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत नए जोश से भरा हुआ है और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास चल रहे हैं। इक्कीसवीं सदी में युद्ध लड़ने के बदलते तरीकों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान संपर्क रहित युद्ध के नए मोर्चों और साइबर युद्ध की चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी रूप से उन्नत सैनिक हमारे सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। युवाओं की वर्तमान पीढ़ी में विशेष रूप से यह क्षमता है। इसलिए अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना महिलाओं को और सशक्त बनाएगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कैसे महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं।

"महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक"

उन्होंने कहा, ‘‘वह तीनों बलों में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक हैं।’’ प्रधानमंत्री ने सियाचिन में तैनात महिला सैनिक और आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए अग्निवीरों को बताया कि कैसे महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तैनाती मिलने से अग्निवीरों को विविध अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और इस दौरान उन्हें विभिन्न भाषाओं और विभिन्न संस्कृतियों और जीवन जीने के तरीकों के बारे में सीखने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम भावना और नेतृत्व कौशल को निखारने से उनके व्यक्तित्व में एक नया आयाम जुड़ेगा। उन्होंने अग्निवीरों को नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहने को प्रेरित किया और साथ ही साथ अपनी पसंद के क्षेत्रों में अपने कौशल को बेहतर बनाने पर काम करने का आह्वान किया। युवाओं और अग्निवीरों की क्षमता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अग्निवीर ही हैं, जो 21वीं सदी में राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करने जा रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने भी लिया हिस्सा

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पिछले साल 14 जून को सरकार ने तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। यह योजना चार साल की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया जाएगा। हालांकि चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा। विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी।

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