नई दिल्ली: देश के आंगनबाड़ी केद्रों में विभिन्न स्तरों पर हजारों पद खाली पड़े हैं जिसे लेकर संसद की एक समिति ने चिंता व्यक्त की है। खाली पदों को लेकर कमेटी ने कहा है कि केंद्र सभी राज्यों को उनके यहां खाली पड़े पदों को लेकर पत्र लिखे और उनसे इन पदों को भरने की तय समय सारणी मांगे। संसद में मंगलवार को पेश भारतीय जनता पार्टी सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली महिला, बाल विकास, खेल एवं शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। कमेटी ने संसद में कहा सभी राज्य आंगनबाड़ी केंद्रों पर शौचालयों और पेयजल जैसी सभी सुविधाएं मुहैया करवाएं।
"खाली पड़े पदों को भरा जाए"
रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी ने आंगनवाड़ी केंद्रों में विभिन्न स्तरों पर खाली पड़े पदों पर चिंता व्यक्त की। आंगनवाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/कर्मचारियों की कमी निरंतर चिंता का विषय है। इसमें कहा गया है कि समिति (कमेटी) का विचार है कि चूंकि योजना के सफल और प्रभावी कार्यान्वयन का पूरा दायित्व राज्यों पर है, इसलिए खाली पदों को भरना उनकी जिम्मेदारी है। समिति सिफारिश करती है कि मंत्रालय ऐसे हर राज्य को पत्र लिखे जहां रिक्त पदों की संख्या ज्यादा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाली पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। समिति ने यह भी कहा कि उनसे (राज्यों से) यह टाइम टेबल मांगी जाए कि कब तक खाली पड़े पदों को भरे जाने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, समिति ने राज्यों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है।
राज्य प्रशासन को दें निर्देश
संसदीय कमेटी ने यह भी सिफारिश की कि मंत्रालय ऐसे आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालयों और पेयजल सुविधाओं के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए राज्य प्रशासन को निर्देश दे, जहां ये सुविधाएं नहीं हैं। समिति ने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के बजट में 291 करोड़ रूपये की बढ़ोतरी की सराहना की, साथ ही अपनी पिछली सिफारिश को दोहराते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे के विकास और क्षमता निर्माण की दिशा में राज्यों के सलाह-मशवरे से तैयार किया गया खाका विभिन्न सेवाओं की पहचान करने और आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंच बनाने में बहुत लाभदायी होगा।
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