समाज में सरकारी नौकरी का प्रचलन-सा हो गया। अगर आपके पास सरकारी नौकरी नहीं है तो समाज आपको काबिल नहीं समझेगा। इन्हीं सब की वजह से आज के युवा भेड़चाल में फंसकर रहे गए है। वो बस समाज की बात मान कर सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट जाते है। इन्हीं सब कारणो से हमारे देश में सरकारी नौकरी की डिमांड भी अन्य देशों की तुलना में ज्यादा है। जब कहीं पेपर लीक होते हैं तो राज्य सरकारें जांच एंजेसियों या पुलिस विभाग को जांच सौंपती हैं। ये जांचे इतने सालों तक चलती हैं कि उनका इंतजार करते-करते आखें बूढ़ी हो जाएं, हालांकि अब धीरे-धीरे सरकारें व्यवस्था सुधार रहीं हैं। आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में पेपर लीक पर की गयी अपनी जांच के बारे में।
इंटरस्टेट माफिया होती है इंवॉल्व
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्टाफ नर्स की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। ये पेपर 15 लाख रुपए में बिक रहा था। हिमाचल प्रदेश में जूनियर ऑफिस अस्टिटेंट आईटी का पर्चा लीक हो गया। गुजरात में जूनियर क्लर्क भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गयी। इन तीन अपराध में पेपर लीक का सबसे खतरनाक चेहरा सामने आता है। पेपर लीक एक संगठित अपराध है। इसको अंजाम देने वाला माफिया देश के कई राज्यों में फैला है और आपस में जुड़ा हुआ है। किसी खास परीक्षा का पर्चा आउट कराने की साजिश होती है। लेकिन किसी भी परीक्षा का पर्चा आउट करवाने की कोशिश ज्यादा रहती है। आउट पर्चे को ज्यादा से ज्यादा बेंचने में इंटरस्टेट माफिया की मदद ली जाती है और ऐसा करने पर ही इसमें अरबों रुपए कमाई होती है। जितनी ज्यादा बिक्री उतनी कमाई होता है।
गुजरात में पेपरलीक के तार कई राज्यों तक फैले
गुजरात में कुछ दिन पहले ही जूनियर क्लर्क का पेपर लीक हुआ। गुजरात एटीएस ने जांच शुरू की तो पेपर लीक का रैकेट गुजरात-ओडीशा-तेलंगाना-राजस्थान-बिहार- से जुड़ा हुआ था। गुजरात की जांच में हमें पता चलता है कि प्रिटिंग प्रेस में परीक्षा का पेपर बहुत से लोगों की पहुंच और नजर में रहता है। वहां से लीक होने के बाद कोचिंग सेंटर और दाखिले का बिजनेस करने वाली कंपनियों के मदद से ग्राहक खोजे जाते हैं। मुनाफा बढ़ाने के लिए पेपर को ज्यादा से ज्यादा राज्यों में बेंचने की कोशिश होती है।पेपर लीक नेटवर्क एक राज्य से दूसरे राज्य में जुड़ा रहता है।
हिमाचल प्रदेश में पेपरलीक
हिमाचल प्रदेश में जूनियर क्लर्क की भर्ती थी। यहां 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी, लेकिन पेपर लीक हो गया। परीक्षा कराने वाले आयोग के गोपनीय विभाग की महिला क्लर्क और उसका बेटा आरोपी हैं। लेकिन इससे पहले हिमाचल में दशकों से पेपर लीक होने का इतिहास है। पेपरलीक की जांच से जुड़े लोग व्यक्तिगत बेईमानी और सिस्टम की कमी को पेपर लीक की बड़ी वजह मानते हैं।
मध्यप्रदेश में नर्सिंग परीक्षा का पेपर लीक
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में नर्सिंग परीक्षा का पेपर लीक हुआ। छात्र परेशान थे। लेकिन भर्ती निकालने वाला विभाग नेशनल हेल्थ मिशन बिना चिंता के बैठा है।उसके अधिकारी एग्जाम का ठेका लेने वाली कंपनी से बात करने को कह रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में जूनियर क्लर्क भर्ती का पर्चा आउट
जम्मू-कश्मीर में फाइनेंस विभाग में जूनियर क्लर्क भर्ती मे पेपर लीक हो गया। सीबीआई ने 37 ठिकानों पर छापे मारे। इसके तार कई विभाग में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़े थे। हरियाणा ने पेपर लीक रोकने के लिए एग्जाम के हर पर्चे में क्यूआर कोड लगा दिया जैसे ही कोई पेपर की फोटो खींचेगा फौरन सरकार को मैसेज चला जाएगा।
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