ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे में अब तक ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस दुर्घटना में 1100 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर है। रेल मंत्रालय ने इस हादसे की जांच के लिए सीबीआई जांच की बात कही है। वहीं, रेलवे ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। हालांकि ऐसे हालात में सरकार तो मुआवजे की घोषणा करती ही है लेकिन टिकट बुक करते समय अगर आपने महज 35 पैसे जमाकर अपना इंश्योरेंस पॉलिसी करवा लिया तो आपको एक और बड़ा मुआवजा मिल सकता है।अगर ओडिशा में हादसे के शिकार हुए यात्रियों टिकट बुक करते समय ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी लिया हो तो यात्रियों के परिजन भी इस सरकारी बीमा राशि के भी हकदार बन सकते हैं। बता दें कि रेल हादसे के 4 महीने के अंदर इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि के लिए दावा किया जा सकता है। इसके लिए आप इंश्योरेंस कंपनी के ऑफिस में जाकर क्लेम करना होगा।
35 पैसे बचाने के चक्कर में नहीं लेते कीमती बीमा
वैसे तो इस हादसे में गई यात्रियों की जान की कोई भी कीमत नहीं लग सकती, पर उनके परिजनों को एक मदद जरूर मिल सकती है। इसी आस से हम यह जानकारी दे रहे हैं। आपको बता दें कि ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करते समय आईआरसीटीसी की ओर से यात्रियों को इंश्योरेंस पॉलिसी का विकल्प दिया जाता है। इस सुविधा के तहत यात्रियों को 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिए जाने का नियम है। लेकिन देखा गया है कि लोग महज 35 पैसे बचाने के चक्कर में इस ऑप्शन का चयन नहीं करते हैं। अगर टिकट बुक करते समय कोई व्यक्ति इस विकल्प को चुनता है, तो उसे ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर पर एक लिंक आता है। इस लिंक के माध्यम से यात्रा करने वाला व्यक्ति इस वेबसाइट को खोलकर इसमें नॉमिनी का डिटेल भर सकता है।
मिलती है ये राशियां
इसके बाद ट्रेन में यात्रा के दौरान अगर यात्री के साथ कोई हादसा होता है, तो रेल दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है। हालांकि दुर्घटना में हुए नुकसान के अनुसार ही बीमा की राशि दी जाती है। यदि किसी रेल हादसे में यात्री की मौत हो जाती है, तो उसके आश्रित परिवार को 10 लाख रुपये बीमा राशि के रूप में दिए जाते हैं। इतना ही नहीं यदि यात्री पूरी तरह से विकलांग हो जाता है, तो उसको भी बीमा कंपनी 10 लाख रुपये देगी। वहीं,आंशिक तौर पर स्थायी विकलांगता होने पर 7.5 लाख रुपये और घायल होने पर 2 लाख रुपये अस्पताल खर्च के रूप में देने का प्रावधान है।
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