भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने शनिवार को फैसला किया कि वह स्कूल को 8 जनवरी से कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए फिर से खुलेंगे। स्कूल और मास शिक्षा विभाग ने एक बयान में बताया कि छात्रों को शनिवार और रविवार सहित 100 दिनों के लिए पढ़ाया जाएगा। 8 जनवरी से 26 अप्रैल तक कक्षा 10 के छात्रों के लिए कक्षाएं आयोजित की जाएंगी और कक्षा 12 के छात्र 8 जनवरी से 28 अप्रैल तक अपनी कक्षाओं में भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोरकोनावायरस महामारी मद्देनजर 17 मार्च को राज्य ने स्कूल को बंद कर दिया था। बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (बीएसई) हाई स्कूल सर्टिफिकेट (एचएससी) परीक्षाएं 3 मई से 15 मई तक आयोजित करेगा। वहीं काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन (सीएचएसई) 12 वीं की परीक्षाएं 15 मई से 11 जून के बीच आयोजित करेगा। बयान में कहा गया है कि कक्षा 10 के छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा 27 अप्रैल से 2 मई तक और कक्षा 12 के छात्रों के प्रैक्टिकल परीक्षा 29 अप्रैल से 14 मई के बीच होगी।
केरल में नौ महीनों बाद फिर से खुले स्कूल
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर नौ महीने बंद रहने के बाद केरल में स्कूल फिर खोल दिए गए और इतने दिनों बाद स्कूल जा रहे छात्रों में उत्साह देखने को मिला। हालांकि शुक्रवार को आंशिक तौर पर खुले स्कूलों में सफाई, मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और बार-बार हाथ धोने जैसे दिशानिर्देशों के अनुपालन पर ध्यान दिया गया। सरकार के निर्देश पर केरल के स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाएं सीमित घंटों के लिए खोली गईं। लेकिन, अन्य छात्रों से दूरी बनाए रखने और एक बेंच पर केवल एक छात्र के बैठने के सख्त निर्देश के कारण कुछ छात्रों में निराशा दिखी।
इन नौ महीनों में, छात्र केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे। उनके शरीर का तापमान मापने के लिए स्कूलों के प्रवेश द्वार पर डिजिटल थर्मामीटर लगाया गया है। यह प्रक्रिया अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है । अभिभावकों से सहमति पत्र मिलने के बाद ही उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश दिया गया। मार्च में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद से ही केरल में स्कूल बंद रहे।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कोविड दिशानिर्देशों के पालन के साथ स्कूलों और कॉलेजों सहित शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया गया था। सामान्य शिक्षा विभाग ने अपने दिशा-निर्देशों में साफ कहा है कि स्कूलों में एक बार में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही अनुमति दी जाए और पहले सप्ताह में कक्षाओं में एक बेंच पर एक ही छात्र को बैठाया जाए।