
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि राजधानी में नर्सरी कक्षा के प्रवेश के बारे में निर्णय लेने में दो-तीन सप्ताह का समय लगेगा। उन्होने कहा कि यह महामारी के मद्देनजर 2021-2022 सत्र के लिए प्रवेश स्तर की कक्षाओं में प्रवेश स्थगित करने की मांग को भी ध्यान में रखा जाएगा।
नर्सरी दाखिले को स्थगित करने के लिए निर्देश देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली के स्थायी वकील रमेश सिंह द्वारा न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। सिंह ने अदालत को बताया कि यह एक समय से पहले की याचिका थी क्योंकि सरकार को अभी दिशानिर्देशों के साथ आना बाकी था और जब तक ये जारी नहीं किए जाते, तब तक कोई प्रवेश नहीं हो सकता।
याचिकाकर्ता सह वकील रजत वत्स द्वारा आदेश पर संतोष जताने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया गया। वत्स ने कहा कि उन्होंने पिछले साल 12 दिसंबर को प्राधिकारों के सामने आवेदन दिया था लेकिन उसपर अब तक कोई जवाब नहीं आया है जिसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी या प्रवेश स्तर पर दाखिले के लिए सरकार ने अब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि दिशा-निर्देश जारी हुए बिना ही कुछ निजी स्कूलों ने नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी है। याचिका में कहा गया, ‘‘नर्सरी कक्षा में दाखिले के संबंध में तीन-चार साल के बच्चों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी करना जरूरी है।
ऐसा इसलिए कि दिल्ली सरकार बच्चों के हितों पर विचार किए बिना स्कूल प्रबंधनों को वित्तीय फायदा पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष या ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति दे सकती है।’’ याचिका में कहा गया कि नर्सरी शिक्षा का मकसद बच्चों को स्कूल के वातावरण और कक्षाओं से अवगत कराना है और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों या स्कूलों को खोलकर यह उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला है।