नई दिल्ली: मोदी सरकार बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने का प्लान रही है। इस बात के संकेत साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने एनसीएफ में एक प्रस्ताव रखा है, जिससे स्कूलों में होने वाली पढ़ाई में सुधार होगा। शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों के लिए स्कूलों में सप्ताह में 29 घंटे की पढ़ाई करवाने का प्रस्ताव रखा है। एनसीएफ ने स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड के आधार पर पढ़ाई के घंटे निर्धारित किए हैं। स्कूलों के लिए प्रस्तावित पढ़ाई के नए कार्यक्रम में बच्चों को पठन-पाठन के दबाव को कम करने की कोशिश की गई है।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा पर तैयार एनसीएफ ख़ाके में सप्ताह में 29 घंटे की पढ़ाई का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव के तहत स्कूलों में सोमवार से शुक्रवार तक पांच से साढ़े पांच घंटे तक पढ़ाई होगी और इसमें बच्चों को फ्री टाइम भी दिया जाएगा, जिसमें वे (स्टूडेंट) अपने मन-मुताबिक काम करेंगे। वहीं, प्रस्ताव में आगे दो शनिवार को भी कुछ घंटे पढ़ाई होगी और रविवार को छुट्टी रहेगी। टीचरों से पठन-पाठन वाले विषय को समझाने के लिए इंट्रोडक्शन, अंडरस्टैंडिंग, एक्सरसाइज, एक्सपेरिमेंट और स्प्रेडिंग को शामिल करने को कहा गया है।
इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली कमेटी द्वारा तैयार नेशनल कर्कुलम फ्रेमवर्क 2023 के मुताबिक, ‘पंचपदी टींचिंग प्रोसेस’ के तहत पांच लेवलों में अदिति (इंट्रोडक्शन), अंडरस्टैंडिंग (विषय की समझ), एक्सरसाइज, एक्सपेरिमेंट और स्प्रेडिंग शामिल हैं।