देश विकासशील से विकसित भारत बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वह हर क्षेत्र में तेजी से मार्डन टेक्नोलॉजी को लागू करने पर ध्यान दे रहा है। यही कारण है कि भारत ने अपनी सालों पुरानी एजुकेशन सिस्टम को भी बदलने पर ध्यान दिया है। इसी सिलसिले में केंद्र सरकार अब AI से पढ़ाई पर ध्यान देने जा रही है। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 15 अक्टूबर को दिल्ली में हेल्थ केयर, एग्रीकल्चर और शहरों पर केंद्रित तीन AI सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (CoE) की घोषणा करेंगे।
क्या होगा काम?
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, "विकसित भारत" के विजन को साकार करने के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए इन तीन CoE का नेतृत्व इंडस्ट्री पार्टनर्स और स्टार्टअप के साथ मिलकर टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशनल द्वारा किया जाएगा। ये इन तीन क्षेत्रों में इंटरडिसिपिलनरी रिसर्च करेंगे, मार्डन एप्लीकेशन बनाएंगे और सॉल्यूशन तैयार करेंगे। इस पहल का उद्देश्य एक प्रभावी एआई इकोसिस्टम को बनाना और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्वालिटी ह्यूमन रिसोर्स का बढ़ाना है।
"भारत में एआई बनाएं और भारत के लिए एआई को उपयोगी बनाएं" के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, 2023-24 के बजट घोषणा के पैरा 60 के तहत इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा की गई थी।
990 करोड़ हुए हैं मंजूर
इसके मुताबिक, सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 की अवधि के लिए 990.00 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय खर्च के साथ तीन एआई सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के निर्माण को मंजूरी दी है। इस पहल के कामों की देखरेख के लिए एक इंडस्ट्री- हेवी एपेक्स कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी सह-अध्यक्षता ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और सीईओ डॉ. श्रीधर वेम्बू करेंगे।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति, आईआईटी के निदेशक, उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुख, उद्योग जगत के नेता, स्टार्ट-अप संस्थापक और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
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