नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने उन एमबीबीएस छात्रों के लिए एक एडिशनल अटेम्प्ट की घोषणा की है, जिन्हें एकेडमिक सेशल 2020-21 में एडमिशन दिया गया था और वे कोविड -19 के कारण महामारी अपनी पहली प्रोफेशनल एग्जाम पास नहीं कर सके। यह मर्सी अटेम्प्ट साल 2020-21 बैच के मेडिकल छात्रों को दिया गया है क्योंकि उन्हें COVID-19 महामारी के बाद परेशानी हुई थी। एनएमसी ने इसकी जानकारी एक नोटिस जारी कर दी है।
क्या कहा गया नोटिस में?
एनएमसी ने नोटिस में कहा, "राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने ऐसे एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त प्रयास (पांचवें प्रयास) की अनुमति देने का निर्णय लिया, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए थे और अपनी पहली पेशेवर एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके क्योंकि यह बैच भी कोविड 19 से प्रभावित था।"
नोटिस में आगे कहा गया है, "यह एक बार का मौका होगा और इसे भविष्य के लिए प्राथमिकता के रूप में नहीं माना जा सकता है।" अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) के निदेशक शंभू शरण कुमार की तरफ से ये नोटिस जारी किया गया है।
विदेशी छात्रों के लिए जारी किया प्रश्नोत्तरी
एनएमसी ने आगे रूस और यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) और उत्तरों की एक लिस्ट जारी की है। जिसमें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न पिछले नोटिस के स्पष्टीकरण दिए गए हैं जिसमें एनएमसी ने यूक्रेन और फिलीपींस में भारतीय मेडिकल छात्रों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी किया था।
मेडिकल कोर्स को पूरा करने की अनुमति
इस बीच, आयोग ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन के विदेशी चिकित्सा स्नातकों (एफएमजी) को एक बार के अवसर के रूप में विभिन्न देशों से अपने बचे हुए मेडिकल कोर्स को पूरा करने की अनुमति दी है। बता दें कि एफएमजी परीक्षा पास करने के बाद, ऐसे विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को रजिस्ट्रेशन के लिए दो साल के लिए कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) से गुजरना पड़ता है।
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