केरल के कोज़िकोड जिले में इन दिनों निपाह वायरस के प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जिला मजिस्ट्रेट ने क्षेत्र में वायरस के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिए स्कूल और कॉलेज की छुट्टियां 16 सितंबर तक बढ़ा दी हैं। मजिस्ट्रेट का ये आदेश स्कूलों सहित सभी आंगनबाड़ियों, मदरसों, ट्यूशन सेंटरों और पेशेवर कॉलेजों पर लागू होता है। बता दें इससे पहले जिला मजिस्ट्रेट ने 14 एवं 15 सितम्बर तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए थे। प्रशासन के मुताबिक, इस दुर्लभ और घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूलों की परीक्षा की तारीखों में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि शिक्षण संस्थान इन दिनों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।
डीसी ने दी जानकारी
कोजीकोड डीसी ए गीता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'जिले के सभी ट्यूशन सेंटर और कोचिंग सेंटर इन दिनों में काम नहीं करने चाहिए। शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं। ये दिन उत्सव का नहीं होना चाहिए। अनावश्यक यात्रा और सभाओं से बचें। 'सावधानी ही बचाव है'
हालिया अपडेट के अनुसार, प्रकोप के बाद से जांच में अभी कुल 6 रोगी सामने आए हैं, पॉजिटिव टेस्ट आने वाला अंतिम मरीज एक 39 वर्षीय व्यक्ति था जो एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहा था। बता दें कि कुल 6 संक्रमित मरीजों में से 2 की वायरस संक्रमण से मौत हो चुकी है।
निपाह वायरस क्या है?
जानकारी दे दें कि निपाह एक ज़ूनोटिक वायरस (zoonotic virus) है जो जानवरों और लोगों के बीच फैलता है। यह वायरस सूअरों और लोगों में बीमारी पैदा करने के लिए भी जाना जाता है। एनआईवी (NiV) का संक्रमण मस्तिष्क की सूजन से जुड़ा होता है और इससे हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इसका प्रकोप लगभग हर साल एशिया, मुख्य रूप से बांग्लादेश और भारत के कुछ हिस्सों से सामने आता रहता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
इसके लक्षण आम तौर पर वायरस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों में दिखाई देते हैं। शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। गंभीर लक्षणों में भटकाव, उनींदापन या भ्रम, दौरे, कोमा और मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) शामिल हैं।
क्या है वायरस का इलाज?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के मुताबिक, निपाह वायरस संक्रमण के लिए कोई लाइसेंस उपलब्ध नहीं है, रेस्ट, हाईड्रेस्शन और लक्षणों के उत्पन्न होने पर उपचार सहित सहायक देखभाल तक ही सीमित है।
ये भी पढ़ें:
ये हैं इंजीनियरिंग के लिए देश के टॉप 10 बेस्ट कॉलेज, एक से भी की पढ़ाई तो लाइफ सेट