नीट पेपर लीक मामला देश में काफी गरमाया हुआ है। ऐजेंसियां जहां मामले की जांच में जुटी हैं। वहीं दूसरी तरफ से छात्र एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं - नीट यूजी, पीजी और यूजीसी नेट में अनियमितताओं के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। अब इन छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को संसद की ओर मार्च निकालने का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारी छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना सोमवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। "एनटीए के खिलाफ भारत" के बैनर तले सैकड़ों छात्र उक्त परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखने के लिए धरना स्थल पर इकट्ठे हुए, जो पिछले सप्ताह बुधवार को शुरू हुआ था।
क्या हैं मांगे?
छात्रों ने एक प्रदर्शन करने के बाद अपना विरोध प्रदर्शन दिन भर के लिए वापस ले लिया और अपनी मांगों को दोहराया, जिसमें एनटीए पर प्रतिबंध लगाना और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा शामिल है। छात्रों ने सभी के लिए NEET-UG की फिर से परीक्षा कराने और पुरानी विश्वविद्यालय-विशिष्ट प्रवेश परीक्षा प्रणाली को बहाल करने की भी मांग की। वामपंथ से जुड़े आइसा और दिल्ली विश्वविद्यालय के केवाईएस के सदस्य अन्य छात्र संगठनों में शामिल थे, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। हड़ताल के छठे दिन, छात्र जंतर-मंतर पर एकत्र हुए और प्रधान के इस्तीफे की मांग करते हुए "एनटीए विरोधी" नारे लगाए।
एक दिन के लिए अपना अनिश्चितकालीन धरना वापस लिया और...
उन्होंने एक दिन के लिए अपना अनिश्चितकालीन धरना वापस ले लिया और मंगलवार को संसद की ओर मार्च का आह्वान किया। सीबीआई वर्तमान में बिहार और गुजरात के कई केंद्रों पर एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार की घटनाओं की जांच कर रही है। इस बीच, एनटीए ने रद्द की गई यूजीसी-नेट परीक्षा, संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) के आयोजन की नई तारीखें जारी की हैं, जिन्हें पहले स्थगित कर दिया गया था। यूजीसी नेट 21 अगस्त से 4 सितंबर तक नए सिरे से आयोजित किया जाएगा। संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी नेट 25-27 जुलाई के बीच आयोजित किया जाएगा, जबकि एनसीईटी 10 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- आखिर कितने पढ़े लिखे हैं हिटमैन रोहित शर्मा?
महाराष्ट्र: पेपर लीक को रोकने के लिए बनाएंगे कानून, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस बड़ा बयान