बीते दिन से सोशल मीडिया पर पेपर लीक की घटनाएं घटने की जानकारी सामने आ रही है। क्या छात्र, क्या नेता सभी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं। अब इस मामले पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने भी अपना जवाब दिया है। एनटीए ने इस मामले को लेकर एक नोटिस जारी किया है। एनटीए ने नोटिस जारी कर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और सभी संबंधित लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि नीट पेपर लीक की ओर इशारा करने वाले सभी सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से निराधार और बिना किसी आधार के हैं।
एनटीए ने छात्रों व अभिभावकों से किया अनुरोध
एनटीए ने आगे कहा कि परीक्षा केंद्रों के गेट बंद होने के बाद, बाहर से किसी को भी हॉल के अंदर एंट्रेंस की अनुमति नहीं है, जिसकी सीसीटीवी के जरिए निगरानी की जाती है। एजेंसी ने माता-पिता, छात्रों और अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने आगामी परीक्षाओं पर ध्यान दें।
सभी सोशल मीडिया पोस्ट निराधार
एनटीए ने हाल ही में ग्रेजुएशन कोर्सों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) आयोजित की थी। ये एग्जाम 5 मई को देश भर के 571 शहरों और विदेश के 14 शहरों में 4750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और उसी दिन कुछ ही घंटों के बाद पेपर लीक का दावा करने वाले कई सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए। जवाब में, एनटीए ने अब एक आधिकारिक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रियाओं ने पुष्टि की है कि ये पोस्ट बिना किसी आधार के और निराधार हैं। अफवाहों पर विराम लगाते हुए उन्होंने आगे कहा कि हर प्रश्नपत्र का हिसाब-किताब रखा गया था।
5 मई को, एनटीए ने एक नोटिस जारी कर बताया कि राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक केंद्र पर एक घटना हुई थी, जहां कुछ छात्रों ने परीक्षा खत्म होने से पहले जबरन क्वेश्चन पेपर (QPs) छीन लिया था। इस क्यूपी की एक तस्वीर को पेपर लीक की एक कथित घटना से जोड़ा जा रहा है जो शरारतपूर्ण और बेतुका है। परीक्षा शुरू होने के बाद किसी भी बाहरी व्यक्ति या एजेंसी के पास केंद्रों तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। एजेंसी ने आगे कहा कि सोशल मीडिया में फैलाई जा रही क्यूपी की अन्य सभी तस्वीरों का वास्तविक एग्जाम क्वेश्चन पेपर से कोई संबंध नहीं है। साथ ही, एनटीए ने कहा कि कदाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है।
24 लाख से अधिक छात्रों ने कराया रजिस्ट्रेशन
इस वर्ष, 24 लाख से अधिक छात्रों ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें 10 लाख से अधिक पुरुष छात्र और 13 लाख से अधिक महिला छात्र शामिल हैं।
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