नीट रिजल्ट जारी होते ही छात्रों और एक्सपर्ट्स ने एनटीए पर सवाल खड़ करने शुरू कर दिए। कुछ लोगों ने इसे स्कैम कहा तो कुछ ने लापरवाही। इस पर अब एनटीए ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया। एनटीए ने गुरुवार को नोटिस जारी कर कहा कि हाल ही में कट-ऑफ स्कोर में बढ़ोतरी और NEET-UG परीक्षा में टॉप स्कोर करने वालों की संख्या को लेकर लोग चिंता वयक्त कर रहे हैं। NTA ने कहा कि कटऑफ स्कोर हर साल उम्मीदवारों के ओवरऑल परफॉर्मेंश के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं।
परफॉर्मेंस के आधार पर तय होती है कटऑफ
एनटीए ने नोटिस में कहा, कटऑफ स्कोर हर साल उम्मीदवार के ओवर आल परफॉर्मेंस के आधार पर तय होती है। कटऑफ में बढ़ोतरी एग्जाम के कंपटेटिव नेचर और इस साल उम्मीदवारों द्वारा हासिल किए गए हायर परफार्मेंस स्टैंडर्ड को दर्शाती है। योग्य उम्मीदवारों के कट-ऑफ और औसत नंबर (720 में से) हर साल अलग-अलग होते हैं। एनटीए ने बताया कि 2020 में जनरल कैटेगरी के लिए 147 कटऑफ गए थे, 2021 में 138, 2022 में 117, 2023 में 137 और 2024 में यही कटऑफ 164 गया है। आगे ये भी बताया कि सभी एग्जाम सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, जिस कारण एग्जाम की इंटेग्रेटी से कोई समझौता नहीं किया गया है।
आरोपों का किया खंडन
एनटीए ने नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं और बढ़े हुए नंबर्स के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने हाई नंबर्स के लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें हाल ही में एनसीईआरटी की किताबों में किए गए बदलाव और कुछ परीक्षा केंद्रों पर खोए हुए समय की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स देना भी शामिल है। एनटीए ने आगे कहा कि एग्जाम में बैठने वाले उम्मीदवारों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जो साल 2023 में 20,38,596 से बढ़कर 2024 में 23,33,297 हो गई है। इसी कारण ये कटऑफ इतने ऊपर चले गए।
ग्रेस मार्क्स को लेकर ये कहा
ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर बात करते हुए, एनटीए ने कहा कि पंजाब और हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट में एनईईटी-यूजी उम्मीदवारों द्वारा कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इन याचिकाओं में कुछ एग्जाम सेंटर्स पर कुछ मुद्दों के कारण परीक्षा के समय के नुकसान के बारे में कहा गया था, जिसके कारण उन छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का फैसला लिया गया। "रिट याचिकाओं और अभ्यावेदन के माध्यम से उम्मीदवारों द्वारा परीक्षा के समय के नुकसान के बारे में उठाई गई चिंताओं का पता लगाया गया, और 1,563 उम्मीदवारों को समय के नुकसान के लिए मुआवजा दिया गया, और ऐसे उम्मीदवारों के संशोधित नंबर- 20 से 720 नंबर्स तक अलग हैं। इनमें से दो उम्मीदवारों के नंबर भी कंपेंसेटरी मार्क के कारण क्रमशः 718 और 719 हैं।" एनटीए ने कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे, इस परीक्षा में 24 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे। एनटीए ने 4 जून को रिजल्ट और कटऑफ, टॉपर्स के नाम जारी किए और फिर विवाद तब बढ़ गया। लाखों छात्रों ने एनटीए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की और यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। छात्रों ने नंबर्स में संभावित बढ़ोतरी की ओर इशारा करते हुए चिंता जताई, कि कैसे 67 उम्मीदवारों टॉप रैंक हासिल कर ली। विशेष रूप से, इन टॉप स्कोररों में से 6 हरियाणा के एक ही एग्जाम सेंटर से थे, जिससे परीक्षा प्रक्रिया के बारे में शंका को बढ़ावा मिला।
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