नीट के रिजल्ट जारी होते ही छात्रों ने बवाल काट दिया है। सोशल मीडिया पर छात्रों से लेकर एक्सपर्ट ने तरह-तरह के सवाल करने शुरू कर दिए है। इसमें अब राजनेताओं ने भी सरकार और एनटीए से सवाल पूछना शुरू कर दिया है। आज प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार से इसे लेकर सवाल किया है। प्रियंका गांधी वाडरा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पहले NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है।
उठ रहे गंभीर सवाल
आगे प्रियंका ने लिखा कि एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 नंबर मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर, रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं। यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है। सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है? छात्र-छात्राओं को NEET परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए। क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करें?
रणदीप सुरजेवाला ने भी एनटीए से पूछा सवाल
वहीं, बीते दिन कांग्रेस के ही नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी एनटीए और सरकार से सवाल पूछा कि नीट एग्जाम के रिजल्ट को लेकर विवाद, गड़बड़ झाले की बातें खुलकर सामने आ रहीं है। 24 लाख छात्र-छात्राओं की शंकाओं और उनके माता-पिता की आशंकाओं का कोई जवाब नहीं दे रहा, न एनटीए दे रहा न सरकार दे रही। उन्होंने कहा कि क्या नीट के एग्जाम का रिजल्ट सही है, क्या एनटीए द्वारा भारी गलती की गई है, क्या मोदी सरकार के पास कोई जवाब है?
पिछले सालों के गिनाए टॉपर्स
सुरजेवाला ने सवाल किया कि 67 बच्चों ने नीट टॉप किया सभी के एक नंबर (720 में से 720 नंबर) कैसे आए? ये कैसे हो सकता है। इसके बाद उन्होंने पिछले कुछ सालों के टॉपर्स के नंबर बताए उन्होंने कहा 2019 में 1 टॉपर था, 2020 में 1 टॉपर था, 2021 में 3 टॉपर थे, 2021 में 1 टॉपर थे, 2023 में 2 टॉपर थे और 2024 में 67 टॉपर, ये अपने आप में भी असंभव लगता है क्योंकि नीट पेपर में निगेटिव मार्किंग भी है। ये संयोग है या प्रयोग?
ग्रेस पर पूछा सवाल
उन्होंने आगे कहा कि क्या ऐसा हो सकता है कि 67 में से 44 टॉपर ऐसे हैं जो ग्रेस मार्क के आधार पर हैं यानी उनके सवाल का जवाब ही पेपर में गलत था। सवाल ये हैं कि क्या ग्रेस मार्क के आधार पर नीट के टॉपर्स का फैसला होगा। यही नहीं हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा एग्जाम सेंटर है, जहां सीरियल नंबर 62 से सीरियल नंबर 69 तक 8 टॉपर हैं, 6 ऐसे जिन्हें 720 में से 720 नंबर मिले और 2 ऐसे जिन्हें 718 और 719 नंबर मिले। ये अपने आप में अचंभे की बात है, क्या ऐसा हो सकता है? क्या ये नीट के नंबर की प्रक्रिया और पूरे एग्जाम की इंटेग्रिटी पर सवाल खड़े कर रहे?
नार्मलाइजेशन के आधार पर भी दागे सवाल
चौथी बात एनटीए ने ये भी कहा कि फरीदाबाद के इस सेंटर पर गलत पेपर बांट दिया गया, इसलिए 45 मिनट नष्ट हो गए और नार्मलाइजेशन के आधार पर ग्रेस मार्क दिए गए। अब सवाल ये है कि न नीट का ब्राउचर न एनटीए के निर्देश और न मोदी सरकार के निर्देश ऐसा कहती है कि इस प्रकार के ग्रेस मार्क दिए जाएं। वो भी तब जब ग्रेस मार्क या नॉर्मालाइजेशन के आधार पर नीट के टॉपर डिसाइड हो रहे हों। ये अपने आप में अंचभित और पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा। आगे कहा कि ये सवाल ये भी है कि 2019 से 2023 तक 600 नंबर लाने वाला बच्चा सरकार कॉलेज में दाखिला ले सकता था। इस बार कटऑफ 134 से बढ़कर 163 हो गई और 660 नंबर लाने वाला शायद ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकता है।
फिजिक्सवाला ने सबूत के साथ लगाए आरोप
इसके बाद फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय ने दावा किया कि वे नीट 2024 में एनटीए का सबसे बड़ा राज सबूत के साथ पेश कर रहे हैं। उन्होंने इस पर एक वीडियो बनाकर भी शेयर किया। उन्होंने वीडियो में एक ओएमआर सीट शेयर किया और कहा कि इसमें कैलकुलेट करोगे तो 368 नंबर आएंगे और एनटीए ने इसे रिजल्ट में 453 नंबर दिए हैं यानी कुल 85 नंबर का अंतर यानी इसे ग्रेस मार्क मिला या इसे कैसे मिला?
इस 85 नंबर से इसका रैंक लाखों आगे चला गया होगा और नॉर्मल बच्चा लाखों रैंक पीछे चला गया होगा। न जाने ऐसे कितने रिजल्ट के साथ हुआ है इसीलिए इस बार कटऑफ इतना हाई गया।
एनटीए ने दिया जवाब
इधर एनटीए ने जवाब दिया कि NEET (UG) - 2024 का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा 5 मई को 571 शहरों (विदेश के 14 शहरों सहित) के 4750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए किया गया था। उम्मीदवारों द्वारा हाल ही में उठाए गए सवालों के मद्देनजर, स्पष्टीकरण जारी करना पड़ है।
आगे एनटीए ने कहा नीट कटऑफ स्कोर हर साल उम्मीदवारों के पूरे परफॉरमेंस के आधार पर तय किए जाते हैं। कटऑफ में बढ़ोतरी परीक्षा की कंपटेटिव नेचर और इस साल उम्मीदवारों को मिले हायर परफॉरमेंस स्टैंडर्ड को दिखाती है। योग्य उम्मीदवारों के कट-ऑफ और औसत नंबर (720 में से) हर साल अलग-अलग होते हैं।
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