नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि अदालत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार के लिए गठित हाई पावर कमेटी को फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन हफ्ते का और समय प्रदान करे। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NTA की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से कहा था कि वह NEET के लिए SOP तैयार करे और साथ ही साइबर सिक्योरिटी में खामियों की पहचान भी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से 30 सितंबर तक जवाब भी मांगा था।
हाल में सीबीआई ने लगाए थे ये आरोप
हाल में सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में, अपने दूसरे आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और उपप्राचार्य ने अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रश्नपत्र चुराने की साजिश रची। अधिकारियों ने बताया था कि पटना की एक विशेष अदालत में यह आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिसमें प्राचार्य एहासनुल हक, उपप्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम और चार अन्य को नामजद किया गया। गुरुवार को दाखिल अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने अमन कुमार सिंह, बलदेव कुमार, सन्नी कुमार और स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन को भी नामजद किया था। उन्हें धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) और धारा 411 (चोरी की संपत्ति बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत आरोपित किया गया है। इसके अलावा, जांच एजेंसी ने हक और आलम पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाये थे।
अब तक सीबीआई 48 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी
बता दें कि एनटीए ने चिकित्सा संस्थान में प्रवेश के लिए नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) 2024 परीक्षा के आयोजन को लेकर हजारीबाग में हक को शहर समन्वयक और आलम को केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया था। सीबीआई मामले के सिलसिले में 48 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की पहचान की है और आवश्यक कार्रवाई के लिए उनका विवरण राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से साझा किया है। उसने एक अगस्त को 13 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था। (With PTI Input)
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