बिहार से जुड़े नीट पेपर लीक मामले में एक नया खुलासा हुआ है। आरोपी संजीव मुखिया ने अपने ऑफिस में छुट्टी लेने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र दिया था। मास्टरमाइंड संजीव मुखिय अभी फरार है। नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया ने नूरसराय के नालंदा कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर में एक फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन जमा किया था।
ओपीडी के लिए खरीदी थी पर्ची
जानकारी दे दें कि संजीव कॉलेज में टेक्निकल असिस्टेंट के रूप में काम करता है और उसने विभाग से छुट्टी लेने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 6 मई और 21 मई तक का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट दिया था। सूत्रों के अनुसार, 6 मई को ओपीडी के लिए इस नाम से रसीद खरीदी गई थी, लेकिन पर्चा नकली लगती है क्योंकि इसे ओपीडी रजिस्टर में नहीं लिखा गया है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इलाज करने वाले डॉक्टर का मुहर भी नहीं है।
सिपाही भर्ती परीक्षा का भी मास्टरमाइंड
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सिपाही भर्ती पेपर लीक में शामिल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड भी संजीव मुखिया है। बता दें कि 2 दिन पहले ईओयू को इस केस में बड़ी लीड हाथ लगी थी। इसके बाद टीम ने छापेमारी कर पश्चिम बंगाल के 3 लोगों सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया।
कौन है संजीव मुखिया?
मास्टर माइंड संजीव मुखिया का असली नाम संजीव सिंह है जो बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का रहने वाला है। संजीव अभी नालंदा कॉलेज की नूरसराय शाखा में टेक्निकल असिस्टेंट पद पर कार्यरत हैं। इसस पहले मुखिया सबौर कृषि कॉलेज में भी काम कर चुका है। कहा जाता है कि उसकी पत्नी ममता देवी के भुतहाखार पंचायत के 'मुखिया' चुने जाने के बाद उसको'मुखिया' के नाम से बुलाया जाने लगा। ममता ने साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में हरनौत सीट से एक क्षेत्रीय पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थीं।
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