बीते शनिवार महाराष्ट्र एटीएस द्वारा महाराष्ट्र के लातूर में स्थित जिला परिषद स्कूल के दो शिक्षकों को पूछताछ के लिए बुलाया। कुछ घंटे की हुई लंबी पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया और अगले दिन लातूर पुलिस ने 4 लोगों पर NEET 2024 पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए केस रजिस्टर किया। पुलिस ने इस मामले में दो गिरफ्तारियां की जिसमें संजय जाधव और जिला परिषद स्कूल के हेडमास्टर जलील पठान शामिल है। फिलहाल दोनों 2 जुलाई तक के लिए पुलिस कस्टडी में है।
2 आरोपी हैं फरार
वहीं, एफआईआर में नामजद आरोपियों में से दो आरोपी अभी भी फरार हैं, फरार आरोपियों के नाम गंगाधर और इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव है। बता दें कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार ने लातूर में दर्ज नीट मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है। इसके अलावा गिरफ्तारी के बाद जलील को हेडमास्टर के पद से हटा दिया गया है। स्कूल में नए हेडमास्टर की नियुक्ति की जा चुकी है।
5 लाख रुपए तक वसूलते थे
पुलिस को अपनी शुरुआती जांच में पता लगा था कि इस मामले में आरोपी अभिभावकों से 50 हज़ार एडवांस और काम हो जाने के बाद दो से लेकर 5 लाख रुपए तक की रकम वसूलते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए थे और पुलिस ने इस मामले में कई पैरेंट्स के बयान भी दर्ज किए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक लातूर पुलिस को अभी तक लगभग 14 एडमिट कार्ड मिले हैं, जिनमें से कुछ का सेंटर बिहार में है यानी कि महाराष्ट्र के बच्चे बिहार में एग्जाम दे रहे थे।
पुलिस को जांच में मिले 14 एडमिट कार्ड
गौरतलब है कि लातूर पुलिस को अब तक आरोपी के पास से 14 एडमिट कार्ड मिले हैं। इनमें से कुछ एडमिट कार्ड बिहार के हैं। इसका मतलब है कि छात्र महाराष्ट्र का रहने वाला है और उसका परीक्षा केंद्र बिहार है। पुलिस बाकी एडमिट कार्ड की भी जांच कर रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि लातूर पुलिस ने इस संबंध में बिहार पुलिस से भी संपर्क किया है। इस मामले में अब तक 14 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
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